महिला डाक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार और जघन्य हत्या के खिलाफ आक्रोश एवं प्रदर्शन

जूनियर महिला डाक्टर के साथ हुए बलात्कार और जघन्य हत्या के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन

कोलकाता में आर जी कर अस्पताल में जूनियर महिला डाक्टर के साथ हुए बलात्कार और जघन्य हत्या के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। 
    
प्रदर्शनों की इसी कड़ी में दिनांक18 अगस्त को कोलकाता के मेडिकल कालेज की डाक्टर और उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक नर्स के साथ बलात्कार के बाद हत्या और बिहार के मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा दिल्ली के शाहबाद डेयरी में एक आक्रोश रैली और सभा की गई। 
    
सभा में वक्ताओं ने कहा कि कोलकाता की मुख्यमंत्री एक महिला हैं, उसके बावजूद महिलाओं के खिलाफ बलात्कार की घटनायें सामने आ रही हैं। उन पर पर्दा डालने का भी काम किया जा रहा है। यह चीज दिखाती है कि शासक वर्ग की महिलाओं का भी रुख शासक वर्ग के पुरुषों के ही समान है। 
    
रुद्रपुर में 20 अगस्त को विभिन्न मजदूर संगठन, ट्रेड यूनियनों व सामाजिक संगठनों द्वारा गांधी पार्क में एक श्रद्धांजलि सभा की गयी व भगतसिंह चौक तक मार्च निकाला। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन में भागीदारी की। सभा में वक्ताओं ने देश में महिलाओं के साथ बढ़ रही यौन हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था अपने मुनाफे के लिए समाज में उपभोक्तावादी, अश्लील संस्कृति परोस रही है व सामंती मूल्यों को प्रश्रय दे रही है। इन्हीं के चलते समाज में कुंठित व विकृत मानसिकता पैदा हो रही है और महिलाओं के प्रति यौन हिंसा बढ़ रही है। सभा के पश्चात गांधी पार्क से भगतसिंह चौक होते हुए वापस गांधी पार्क तक मार्च निकाला गया।
    
कार्यक्रम में दिवंगत मृतका नर्स की छोटी किन्तु बहादुर बच्ची आक्रोश मार्च की अगुवाई करते हुए सबसे आगे-आगे मार्च करते हुए चल रही थी। इस बहादुर बच्ची की हिम्मत को देखकर सबकी आंखें नम थीं और आंखों में आक्रोश भी था।
    
फरीदाबाद में 18 अगस्त को यौन हिंसा की घटनाओं खिलाफ सभा कर पुतला दहन किया गया। कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
सभा में वक्ताओं ने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाओं के खिलाफ मीडिया का रुख केवल व्यक्तियों को दोषी ठहराना होता है ताकि इस पूंजीवादी व्यवस्था को बचाया जा सके। मजदूर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध तो मीडिया की खबरें ही नहीं बन पाते हैं।
    
18 अगस्त को हरिद्वार में विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं ट्रेड यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन किया। बलात्कारियों को पैदा करने वाली पतित पूंजीवादी व्यवस्था का सेक्टर 4 के चौराहे पर पुतला दहन किया गया।    
    
वक्ताओं द्वारा कहा गया कि भाजपा की सरकार एक तरफ पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी को घेर रही है लेकिन उत्तराखंड में रुद्रपुर में एक नर्स के साथ बलात्कार के बाद हत्या और राजधानी देहरादून में रोडवेज बस स्टैंड पर इसी तरह की घटना पर चुप्पी साध लेती है। वक्ताओं ने कहा कि ये वही भाजपा सरकार है जो उत्तराखंड में अंकिता भंडारी के मामले में अपने पार्टी के लोगों के नाम सामने आने पर मामले को दबाने का प्रयास करती है। ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ के नारे की यही हकीकत है।
    
विरोध-प्रदर्शन व पुतला दहन की कार्रवाई में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, फूड्स श्रमिक यूनियन व प्रगतिशील भोजनमाता संगठन आदि के सदस्य व कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
दिनांक 18 अगस्त को ही उत्तराखंड के काशीपुर शहर में महाराणा प्रताप चौराहे पर सभा कर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी का पुतला फूंकने के साथ ही भाजपा सरकारों की दोगलेपन की भी निंदा की। 
    
सभा में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के साथ इंकलाबी मजदूर केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
    
दिनांक 17 अगस्त को गुडगांव में इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र व बेलसोनिका यूनियन (रजि. 1983) ने विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया गया। विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, बेलसोनिका यूनियन, मजदूर सहयोग केंद्र, क्रान्तिकारी नौजवान सभा व मारुती स्ट्रगलिंग कमिटी के साथियों ने भागीदारी की। 
    
सभी वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के साथ हो रही यौन हिंसा के लिए ये पूंजीवादी व्यवस्था जिम्मेदार है। यहां तक कि मोदी सरकार ने पूंजीपतियों के मुनाफे में वृद्धि के लिए महिलाओं को रात्रि पाली में कार्य करने की छूट दे दी है। 
    
इस पूंजीवादी व्यवस्था में महिलाओं की सुरक्षा व आत्मसम्मान हासिल नहीं हो सकता। यह मजदूर राज समाजवाद में ही संभव है।
    
उत्तराखंड के रामनगर में 17 अगस्त को लखनपुर चौक पर पश्चिम बंगाल सरकार और पतित उपभोक्तावादी संस्कृति का पुतला फूंका गया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के आह्वान पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केंद्र, महिला एकता मंच, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने अपराधियों को बचाने में लगी पश्चिम बंगाल सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की और रेजिडेंट डाक्टर के साथ जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को सजा देने की मांग की।
    
वक्ताओं ने अश्लील गानों, फिल्मों, विज्ञापनों और पोर्न साइटों पर रोक लगाने की भी मांग की।
    
उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने 16 अगस्त को बुद्ध पार्क तिकोनिया में सभा कर पश्चिम बंगाल सरकार और अश्लील उपभोक्तावादी पूंजीवादी संस्कृति का पुतला दहन किया गया। 
    
21 अगस्त को लालकुआं कार रोड बिंदुखत्ता में पश्चिम बंगाल सरकार और पतित उपभोक्तावादी संस्कृति का पुतला फूंका गया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के आह्वान पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
देश भर में छात्राओं-महिलाओं के ऊपर बढ़ रही यौन हिंसा व हत्या के विरोध में बरेली में संयुक्त तौर पर आक्रोश मार्च निकाला गया और अंत में सभा की गई। आक्रोश मार्च व सभा में परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास), बरेली ट्रेड यूनियंस फेडरेशन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र आदि संगठनों के कार्यकर्ता शामिल रहे। 
        -विशेष संवाददाता

आलेख

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