मजदूर नेताओं पर गुंडा एक्ट लगाने के विरोध में प्रदर्शन

सिडकुल (पंतनगर-रुद्रपुर) में डालफिन मजदूरों के जारी आंदोलन के दौरान उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी द्वारा डालफिन मजदूर संगठन के नेताओं- ललित कुमार, सोनू कुमार, वीरू सिंह और बबलू सिंह एवं इनका मार्गदर्शन कर रहे इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट व राजेश सक्सेना को गुंडा बताते हुये इन पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी के साथ नोटिस जारी किये गये हैं। जिले के एस एस पी की रिपोर्ट के आधार पर 19 जून को जारी किये गये इन नोटिसों की भाषा भी बेहद निम्न स्तरीय और आपत्तिजनक है। जारी नोटिसों में मजदूर नेताओं को 25 जून को ए डी एम (नजूल) के समक्ष पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मजदूर नेता तय समय पर अपने लिखित स्पष्टीकरण के साथ ए डी एम (नजूल) कार्यालय पहुंचे, जहां अब सुनवाई की अगली तारीख 31 जुलाई दी गई है।
    
मजदूर आंदोलन के अपराधीकरण और प्रदेश में पुलिस राज कायम करने की इस कोशिश का विभिन्न मजदूर संगठन, फैक्टरी यूनियनें एवं सामाजिक-राजनीतिक संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं। वे इसे डालफिन कंपनी के मालिक और सिडकुल के अन्य पूंजीपतियों के इशारे पर की गई कार्यवाही बता रहे हैं।
    
इसके विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में 25 जून को विभिन्न संगठनों द्वारा उत्तराखंड रेजिडेंट कमिश्नर के आफिस पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। अग्रिम सूचना होने के बावजूद रेजिडेंट कमिश्नर ज्ञापन लेने नहीं आये, ऐसे में ज्ञापन उनके आफिस के गेट पर चस्पा कर दिया गया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी द्वारा मजदूर नेताओं को गुंडा घोषित करने की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा की और उन पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी को तत्काल रद्द करने की मांग की।
    
विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, श्रमिक संग्राम कमेटी, बेलसोनिका एम्प्लायीज यूनियन (मानेसर), प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इफ्टू (सर्वहारा), औद्योगिक ठेका मजदूर यूनियन (फरीदाबाद), डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट, क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा, टी यू सी आई, क्रांतिकारी किसान सभा, इफ्टू, मजदूर सहयोग समिति, लोकपक्ष एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन इत्यादि संगठन के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
गुड़गांव में बेलसोनिका एम्प्लायीज यूनियन (मानेसर) ने लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया और मजदूर नेताओं के दमन की कड़ी निन्दा की। विरोध-प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केन्द्र और मजदूर सहयोग केन्द्र के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की। 
    
हरिद्वार में 26 जून को संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा, हरिद्वार के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर डी एम के माध्यम से एक ज्ञापन देश की  राष्ट्रपति को प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया कि सिडकुल में श्रम कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और शासन-प्रशासन फैक्टरी मालिकों की जेब में बैठा हुआ है। 
    
ज्ञापन देने वालों में फ़ूड्स श्रमिक यूनियन, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, एवेरेडी मजदूर संगठन, देवभूमि श्रमिक संगठन, कर्मचारी संघ सत्यम, सीमेंस वर्कर्स यूनियन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
काशीपुर में 25 जून को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन देश की राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को प्रेषित किया और मजदूरों पर जानलेवा हमला करवाने वाले डालफिन के मालिक प्रिंस धवन को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र एवं कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल रहे।
    
रामनगर में 24 जून को विभिन्न संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से देश की राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को एक ज्ञापन प्रेषित किया और उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी और एस एस पी को निलंबित कर पूंजीपतियों के साथ इनकी मिलीभगत और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में इंकलाबी मजदूर केंद्र, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन और समाजवादी लोक मंच के कार्यकर्ता शामिल रहे।
    
हल्द्वानी में 26 जून को एस डी एम के माध्यम से उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया और मजदूर नेताओं पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी की तुलना अघोषित आपातकाल से की गई। ज्ञापन देने वालों में परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
    
रुद्रपुर में 25 जून को श्रमिक संयुक्त मोर्चा, उधमसिंह नगर के बैनर तले सिडकुल (रुद्रपुर-पंतनगर) की फैक्टरी यूनियनों, मजदूर संगठनों एवं सामाजिक संगठनों ने ए डी एम (नजूल) को ज्ञापन सौंपकर मजदूर नेताओं को गुंडा बोलने और गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर करने की चेतावनी की सख्त निंदा की। साथ ही, मामले में तत्काल हस्तक्षेप हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग एवं कुमाऊं आयुक्त को भी ज्ञापन प्रेषित किये।
    
पंतनगर में 28 जून को शहीद स्मारक पर सभा कर मजदूरों पर गुण्डा एक्ट लगाने की चेतावनी की सख्त निंदा की गई। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मजदूर केन्द्र, ठेका मजदूर कल्याण समिति एवं प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र के कार्यकर्ताओं ने भागीदार की। 
    
लालकुंआ में भी एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मजदूर नेताओं पर गुण्डा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी को तत्काल रद्द करने की मांग की गई। ज्ञापन देने में इंकलाबी मजदूर केन्द्र एवं प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र के कार्यकर्ता शामिल रहे। 
    
ज्ञापन में मांग की गई है कि सिडकुल में कंपनी मालिकों और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से मजदूरों पर लगाये गये सभी मुकदमों की निष्पक्ष जांच हो। इसके अलावा मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह के साथ की गई अभद्रता के लिये एस एस पी सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त करें।
    
श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में ज्ञापन देने की इस कार्यवाही में करोलिया लाइटिंग यूनियन, लुकास टीवीएस मजदूर संघ, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा, आटो लाइन इम्प्लाइज यूनियन, इन्टरार्क मजदूर संगठन, पंतनगर आर एम एल यूनियन (राने मद्रास), भाकपा माले, बजाज मोटर कर्मकार यूनियन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, मजदूर सहयोग केंद्र, डालफिन मजदूर संघ, सीएनजी टेंपो यूनियन, यजाकि वर्कर यूनियन, समता सैनिक दल, नील मेटल कामगार संगठन इत्यादि के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में मजदूरों ने भागीदारी की।
    
बरेली में 25 जून को विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के साथ जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में उधमसिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा मजदूर नेताओं पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी की कड़ी भर्त्सना की गई। ज्ञापन देने वालों में क्रांतिकारी किसान मंच, आटो टेम्पो चालक वेलफेयर एसोसिएशन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। 
        -विशेष संवाददाता

आलेख

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