गुड़गांव/ प्रोटेरियल (हिताची) के ठेका मजदूरों ने अपना सामूहिक मांग पत्र जुलाई 2022 में श्रम विभाग में डाला था। कंपनी में मालिकाना हिताची से प्रोटेरियल को ट्रांसफर होना था। मजदूरों को निकाले जाने का डर सता रहा था। मजदूरों ने बेलसोनिका यूनियन और इंकलाबी मजदूर केंद्र से सलाह लेकर संघर्ष का रास्ता चुना और अपना सामूहिक मांग पत्र जुलाई 2022 में श्रम विभाग में डाला। तब से मजदूरों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लगभग 25 मजदूर बहाना बनाकर काम से निकाले जा चुके हैं। शादी के समय भी मजदूरों को छुट्टी नहीं दी जा रही है। छुट्टी लेकर जाने वाले मजदूरों को काम पर वापस नहीं लिया जा रहा है। तमाम अन्य तरीकों से मजदूरों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
जुलाई 2022 के बाद मजदूरों ने लगातार सड़क पर अपना विरोध जताया है। इसी कड़ी में 3 फरवरी को मारुति गेट नंबर 4 से तहसील मानेसर तक लगभग 7 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला गया। जुलूस से पहले मजदूरों के अंदर ठेकेदारों और मैनेजमेंट को लेकर एक डर व्याप्त था लेकिन जैसे ही जुलूस निकालने की तैयारी हुई मैनेजमेंट के होश फाख्ता हो गए और वह समझौते की बात करने लगा। इससे मजदूरों में हौंसले का संचार हुआ। मजदूरों ने लिखित में समझौता करने की बात कही, लेकिन मैनेजमेंट उनको झांसा देना चाहता था। मजदूर उनके झांसे में नहीं आए और उन्होंने जुलूस निकाला।
12 फरवरी को बेलसोनिका यूनियन द्वारा आयोजित कार्यक्रम मजदूर सम्मेलन में जुलूस निकालकर भागीदारी की और 15 फरवरी 2023 को मारुति सुजुकी मानेसर के निकाले गए मजदूरों को काम पर वापस लेने की मांग पर आयोजित कार्यक्रम में भागीदारी की। प्रोटेरियल (हिताची) के ठेका मजदूरों का स्थाई रोजगार और समान काम के लिए समान वेतन का आंदोलन लगातार आगे बढ़ता जा रहा है और यह तमाम ठेका मजदूर और अन्य मजदूरों में एक आशा की किरण पैदा कर रहा है। जरूरत है कि इस आंदोलन में अन्य सभी कंपनियों के मजदूरों को भागीदारी कराई जाए और उन कंपनियों में भी आंदोलन खड़ा किया जाए। -गुड़गांव संवाददाता