चुनाव

इलेक्टोरल बाण्ड - चुनाव आयुक्त और न्यायपालिका

भारत की शीर्ष न्यायपालिका के करतब उस पर न्याय की आस लगाये लोगों की समझ से परे होते जा रहे हैं। तमाम पूंजीवादी उदारवादी-वाम उदारवादी सुप्रीम कोर्ट से आस लगाते रहे हैं कि व

अगला प्रधानमंत्री कौन? तय हो चुका है!

पिछले दिनों गांधीनगर गुजरात में ‘बाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ का आयोजन सरकारी धन को पानी की तरह बहाते हुए भव्य ढंग से हुआ। आये दिन होने वाले ‘मोदी रोड शो’ का भी इस दौरान आयोजन हुआ। इस आयोजन में सं

अन्यायी लोगों की ‘न्याय यात्रा’

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी 14 जनवरी से 20 मार्च तक ‘भारत न्याय यात्रा’ का आयोजन करने जा रही है। यह ‘न्याय यात्रा’ मणिपुर से शुरू कर महाराष्ट्र तक होगी जो

आम चुनाव और फासीवादी भाजपा

आम चुनाव अब करीब हैं। एक तरफ भाजपा तो दूसरी तरफ विपक्षी पूंजीवादी पार्टियां अपने-अपने दांव-पेंच आजमाने में लगे हुए हैं। चुनाव के इस मैदान में एक तरफ विपक्ष है जो बिखरा हु

भगवा लहर नहीं ! सत्ता विरोधी लहर

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में परिणाम 3-2 से भाजपा या एन डी ए के गठबंधन के पक्ष में रहा। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव इंडिया गठबंधन को किनारे रखकर लड़ा था और उसे सिर्फ त

आगामी आम चुनाव : बनते-बिगड़ते राजनैतिक समीकरण

जैसे-जैसे आम चुनाव करीब आते जा रहे हैं वैसे-वैसे भारतीय राजनीति का तापमान बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार ने कांग्रेस में ही नहीं बल्कि विपक्षी पार्टियों में भी आशा का संचार कर दिया है।

कर्नाटक : भाजपा की हार

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत के साथ जीत मिली है। प्रधानमंत्री मोदी के दिन-रात के प्रचार से लेकर बजरंग बली का मुद्दा तक भाजपा की हार को नहीं टाल पाया। जिस तरह से मोदी खुद ही भा

आलेख

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के दो वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया है। यह युद्ध लम्बा खिंचता जा रहा है। इस युद्ध के साथ ही दुनिया में और भी युद्ध क्षेत्र बनते जा रहे हैं। इजरायली यहूदी नस्लवादी सत्ता द्वारा गाजापट्टी में फिलिस्तीनियों का नरसंहार जारी है। इस नरसंहार के विरुद्ध फिलिस्तीनियों का प्रतिरोध युद्ध भी तेज से तेजतर होता जा रहा है।

अल सल्वाडोर लातिन अमेरिका का एक छोटा सा देश है। इसके राष्ट्रपति हैं नाइब बुकेली। इनकी खासियत यह है कि ये स्वयं को दुनिया का ‘सबसे अच्छा तानाशाह’ (कूलेस्ट डिक्टेटर) कहते ह

इलेक्टोरल बाण्ड के आंकड़ों से जैसे-जैसे पर्दा हटता जा रहा है वैसे-वैसे पूंजीपति वर्ग और उसकी पाटियों के परस्पर संबंधों का स्वरूप उजागर होता जा रहा है। इसी के साथ विषय के प

यदि किसी को हिन्दू फासीवादी प्रचारक से बात करने का मौका मिला हो तो उसने पाया होगा कि उसकी तीन चौथाई बातें नैतिकता के बारे में होती हैं। समाज की सारी समस्याएं उसके लिए नैत

माईलाइ नरसंहार : अमेरिकी सैनिकों ने इन वियतनामी महिलाओं और बच्चों को एक साथ इकट्ठा किया फिर आग लगा कर मार डाला।