क्या यह जनप्रतिनिधि हैं?

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हरियाणा विधानसभा के चुनाव हाल में ही सम्पन्न हुए हैं। इसमें जीत कर आए विधायकों द्वारा भारत निर्वाचन चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हालफनामा के विवरण के आधार पर एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (।क्त्) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में विधायकों की संपत्ति लगातार बढ़ रही है। जीते हुए 90 विधायकों में से 86 विधायक यानी 96 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। यह संख्या 2019 में 84 यानी 93 प्रतिशत, 2014 में 75 यानी 83 प्रतिशत और 2009 में 65 यानी 72 प्रतिशत थी। 
    
इसका मतलब है कि पिछले 15 सालों में विधायकों की औसत संपत्ति लगभग चार गुना बढ़ गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर इन विधायकों की औसत संपत्ति निकाली जाए तो यह 24.97 करोड रुपए बनती है। जबकि राज्य के आम लोगों की सालाना आय महज 3.26 लाख रुपए है। यानी विधायकों की औसत संपत्ति लगभग 700 गुना से भी अधिक है।
    
अब सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि यह विधायक किस वर्ग से आते हैं। क्या वास्तव में यह जनप्रतिनिधि हैं और यह आम लोगों की भलाई या विकास के लिए काम करेंगे।
        -हरीश, गुड़गांव

आलेख

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आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

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ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

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