
20 नवंबर से तुर्की की राजधानी अंकारा के निहलानी जिले में स्थित कोयला खान के मजदूरों ने हड़ताल कर दी। हड़ताल की शुरुवात में 500 मज़दूरों ने अपने आपको खान के अंदर ही बंद कर लिया। एक वीडियो के माध्यम से मजदूरों ने अपनी हड़ताल शुरू करने का संदेश भेजा। मजदूरों ने कहा कि अगर तीन दिन के अंदर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो वे भूख हड़ताल के लिए भी तैयार हैं। इन मजदूरों की मांग खान और उससे जुड़े करिहान थर्मल प्लांट के निजीकरण न करने को लेकर है।
इस खान में 2100 मजदूर काम करते हैं। 1300 मजदूर फिलहाल अंदर हैं और 800 मजदूर खान के बाहर भयंकर सर्दी में बैठे हुए हैं। इन मजदूरों के परिवार वाले भी बाहर बैठे हैं। मजदूरों की इस हड़ताल को विपक्षी पार्टियों के साथ सिविल सोसाइटी से भी समर्थन मिल रहा है।
हड़ताली मजदूरों का कहना है कि खान और थर्मल प्लांट के निजीकरण की प्रक्रिया करीब डेढ़ महीने पहले शुरू हो चुकी है। सरकार ने जो टेंडर निकाले हैं उनमें मजदूरों की नौकरी की सुरक्षा और अन्य चिंताओं को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही मजदूरों का कहना है इस बार निजीकरण के प्रावधान ऐसे किये गये हैं कि उनको नौकरी के साथ उनके घरों से भी निकाल दिया जायेगा।
ज्ञात हो कि थर्मल प्लांट का पहले 2000 में सिनेर ग्रुप के हवाले कर इसका निजीकरण किया जा चुका था। बाद में जून 2020 में इसका फिर से सार्वजनिकीकरण किया गया। अब फिर से इस थर्मल प्लांट के साथ खान का भी निजीकरण किया जा रहा है। उनकी जो भी सम्पत्ति, जमीन या घर हैं, उन सभी को स्थायी रूप से बेच दिया जायेगा। निजीकरण होने के बाद कम्पनी निश्चित ही छंटनी करेगी और नौकरी खोने वाले मजदूरों को घर भी खोना पड़ेगा। इन मजदूरों में ज्यादातर मजदूर प्रवासी हैं जो तुर्की के दूर-दूर इलाके से आकर यहां काम कर रहे हैं।
मजदूरों के धरना स्थल पर सत्तारूढ़ ए के पी के नेता भी आ रहे हैं और मजदूरों को बहलाने का प्रयास कर रहे हैं। वे मजदूरों के आंदोलन के राजनीतिक होने की बात कर मजदूरों की असल लड़ाई को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।