फिलिस्तीन नया वियतनाम बनने की तरफ
अक्टूबर माह से शुरू हुए फिलिस्तीन पर इजरायल के नए नरसंहार वाले युद्ध के 6 माह बीतते-बीतते अमेरिका में ऐसी परिस्थिति पैदा हो गयी है जो कि वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका मे
अक्टूबर माह से शुरू हुए फिलिस्तीन पर इजरायल के नए नरसंहार वाले युद्ध के 6 माह बीतते-बीतते अमेरिका में ऐसी परिस्थिति पैदा हो गयी है जो कि वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका मे
पिछले कुछ सालों में एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों में बड़े बदलाव किये गये हैं। मौजूदा बदलाव पाठयक्रम में छोटी-छोटी कैंची चला कर किये गये हैं। गुजरात दंगों का जिक्र जो अब सिर्फ
संघ-भाजपा की बीते 10 वर्षों के शासन में शिक्षा व्यवस्था को फासीवादी ताकतों ने खास तौर पर अपना निशाना बनाया है। सभी तरह की सरकारी शिक्षा को विद्या भारती के शिशु मंदिरों-वि
चुनावी साल है, ‘नये वोटर’ को रिझाने के लिए राजनीतिक दल कलाबाजियां कर रहे हैं। लेकिन इस सब के बीच देश में नौजवानों की क्या स्थिति है? पढ़ा लिखा नौजवान घर पर क्यों बैठा है?
13 दिसम्बर को देश की संसद में कुछ नौजवान छापामार तरीके से घुस गये। उन्होंने जूते में छिपी सामग्री से संसद में रंगीन धुंआ उड़ाया और नारे लगाने लगे। संसद के बाहर भी कुछ नौजव
दिल्ली/ देश के विभिन्न राज्यों से 12 छात्र-युवा संगठनों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति व बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ कन्वेंशन 8 अक्टूबर 2023 को जंतर-मंत
हल्द्वानी/ उत्तराखण्ड में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली छात्रों को किताबें समय पर दिये जाने के लिये परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने 6 मई को मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्
मोदी सरकार का फासीवादी अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी अभियान की कड़ी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहाने पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किया जा रहा है। कहने को तो छात्रों पर कई पाठों का बोझ घटाया जा
अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।
किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं।
आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की
सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है