इजरायल-ईरान के बीच जंग के हालात
1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी राजनयिक भवन पर इजरायल ने हमला बोल दिया था। इस हमले में ईरान के वरिष्ठ इस्लामी नेता मोहम्मद रजा जाहेदी व रिवोल्यूशनरी गार्ड
1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी राजनयिक भवन पर इजरायल ने हमला बोल दिया था। इस हमले में ईरान के वरिष्ठ इस्लामी नेता मोहम्मद रजा जाहेदी व रिवोल्यूशनरी गार्ड
इजरायल द्वारा गाजापट्टी पर किये जा रहे नरसंहार के चार महीने से ऊपर हो गये हैं। अब तक 28,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 70,000 के आस-पास घायल हो चुके हैं। इसके
मैं जिस शहर में रहता हूं वह युद्ध नहीं लड़ रहा है। उस पर नरसंहार और अत्याचार हो रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों के नरसंहार के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था। लम्बी सुनवाई के बाद अंततः 26 जनवरी को अंतर्राष्
यहूदी नस्लवादी इजरायली सत्ता द्वारा जारी नरसंहार के साथ-साथ आतंकवादी कार्रवाइयों को भी अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने नये वर्ष की शुरूवात के दूसरे ही दिन लेबनान की राजधान
गाजा की मेरी प्रिय माताओं,
इजरायल का गाजापट्टी में नरसंहार और विनाश जारी है। इसका जवाब यमन के हौथी विद्रोहियों ने दिया है। हौथी ने घोषणा की है कि जब तक इजरायल अपना नरसंहार गाजापट्टी में बंद नहीं कर
हमास के हमले के बहाने इजरायल द्वारा फिलिस्तीन में ढायी बर्बरता हर बीतते दिन
2 जुलाई को इस्राइली सेनाओं ने वेस्ट बैंक स्थित जेनिन कैम्प पर भीषण हमला बोल दिया। इस जेनिन शरणार्थी कैम्प में करीब 14 हजार फिलिस्तीनी नागरिक रहते हैं। हमला 3 दिनों तक चलत
रूस-यूक्रेन युद्ध दूसरे वर्ष में प्रवेश कर गया है। एक वर्ष पूरा होने के समय अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन और पोलैण्ड की यात्रा के दौरान यूक्रेन को और ज्यादा आधुनिक हथियार देने की बात की और
अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।
किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं।
आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की
सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है