राष्ट्रीय

तमिलनाडु : विद्युत विभाग में मरने वाले मजदूरों की संख्या में वृद्धि

तमिलनाडु में राजकीय स्वामित्व वाली ऊर्जा क्षेत्र की कम्पनी टांगेडको में पिछले 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2023-24) में मरने वाले मजदूरों की संख्या 40 हो गयी है। 2022-23 में य

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ का तीसरा द्विवार्षिक सम्मेलन

लखनऊ/ उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ का तीसरा द्विवार्षिक सम्मेलन 28, 29 फरवरी 2024 को गांधी प्रेक्षागृह लखनऊ में आयोजित किया गया। सम्मेलन में बिज

16 फरवरी : ग्रामीण भारत बंद एवं औद्योगिक हड़ताल के मौके पर रैली, सभा, ज्ञापन एवं पुतला दहन

मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के विरोध में 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन फेडरेशनों द्वारा आहूत ग्रामीण बंद एवं औद्योगिक हड़ताल को व्

मासा के आह्वान पर मनाया गया ‘मजदूर प्रतिरोध दिवस’

दिनांक 8 फरवरी को भारत में 17 संघर्षशील और क्रांतिकारी श्रमिक संगठनों/यूनियनों के एक समन्वय मंच, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिल

लखनऊ के शक्ति भवन में बिजली संविदाकर्मियों का प्रदर्शन

लखनऊ/ उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में 5 फरवरी 2024 को शक्ति भवन मुख्यालय, लखनऊ पर प्रदर्शन किया गया। निविदा संविदा

बेलसोनिका यूनियन का प्रबंधन की छंटनी के खिलाफ ढ़ाई साल का शानदार संघर्ष, लड़ाई जारी है

बेलसोनिका प्रबंधन की छंटनी की साजिशों के खिलाफ यूनियन का वर्ष 2021 से संघर्ष जारी है। वर्ष 2021 से वर्ष 2023 तक चले लगभग ढ़ाई साल के इस शानदार संघर्ष में बेलसोनिका प्रबंधन

बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष जारी

गुडगांव/ 3 दिसंबर को बेलसोनिका यूनियन ने 12 अक्टूबर (53 दिनों से) से चल रहे अपने प्रतिरोध धरने पर एक एकजुटता सभा का आयोजन किया। यह एकजुटता सभा अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की कड़ी के रू

जारी है बेलसोनिका मजदूरों का संघर्ष

गुड़गांव/ अपनी मांगों को लेकर बेलसोनिका मजदूरों का प्रतिरोध धरना 12 अक्टूबर से जारी है और अभी भी मजदूरों के हौंसले बुलंद हैं। बेलसोनिका मजदूर लगातार अपनी

आलेख

अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।

किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं। 

आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
    

मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की

सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है