न्यूनतम वेतन लागू करने को लेकर उत्तराखण्ड के मजदूर सड़कों पर
मजदूरों का वेतन जो बढ़ा है वो सिडकुल में कम्पनी मालिक नहीं दे रहे हैं। कैम्पस फुटवियर कम्पनी सिडकुल, हरिद्वार के मजदूर भी वेतनवृद्धि को लेकर व अन्य मुद्दों को लेकर दो-तीन
मजदूरों का वेतन जो बढ़ा है वो सिडकुल में कम्पनी मालिक नहीं दे रहे हैं। कैम्पस फुटवियर कम्पनी सिडकुल, हरिद्वार के मजदूर भी वेतनवृद्धि को लेकर व अन्य मुद्दों को लेकर दो-तीन
गुड़गांव/ हरियाणा राज्य के गुरुग्राम में लघु सचिवालय के सामने चल रहा बेलसोनिका मजदूर यूनियन के मजदूरों का प्रतिरोध धरना 156 दिन पूरे होने के बाद समाप्त कर
पंतनगर/ दिनांक 26 फरवरी 2024 को विगत जनवरी 2024 माह के वेतन भुगतान नहीं होने से नाराज विश्वविद्यालय के फसल अनुसंधान केन्द्र के ठेका मजदूर काम बंद कर डायर
रुद्रपुर/ लुकास टीवीएस मजदूर संघ के 32 मजदूरों को 5 फरवरी से प्रबंधन व श्रम विभाग के अधिकारियों के उत्पीड़न के खिलाफ हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद 7 फरवरी को उप श्रमा
प्रगतिशील भोजनमाता संगठन द्वारा उत्तराखंड में कुमाऊं के हल्द्वानी में 24 फरवरी और गढ़वाल के हरिद्वार में 25 फरवरी को जोरदार विरोध-प्रदर्शन किए गये।
दिनांक 16 फ़रवरी को जहां एक ओर देश भर में किसान और मजदूर संगठन, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दमन के विरोध में भारत बन्द और हड़ताल कर रहे थे वहीं जनपद बरेली में बड़ी संख
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फ़रवरी के प्रकरण, जिसमें एक मदरसा और नमाज स्थल ढहाने के बाद भड़की हिंसा में पुलिस फायरिंग में 5-6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबक
उत्तराखण्ड सरकार की अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति और प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा
6 फरवरी को सुबह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 150 किलोमीटर दूर हरदा जिले के बैरागढ़ गांव में पटाखा बनाने वाली फैक्टरी में विस्फोट होने से 13 लोगों की मौत हो गयी (हालांकि
अमरीकी साम्राज्यवादी यूक्रेन में अपनी पराजय को देखते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं। इसमें वे पोलैण्ड, रूमानिया, हंगरी, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों के सैनिकों को रूस के विरुद्ध सैन्य अभियानों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। इन देशों के शासक भी रूसी साम्राज्यवादियों के विरुद्ध नाटो के साथ खड़े हैं।
किसी को इस बात पर अचरज हो सकता है कि देश की वर्तमान सरकार इतने शान के साथ सारी दुनिया को कैसे बता सकती है कि वह देश के अस्सी करोड़ लोगों (करीब साठ प्रतिशत आबादी) को पांच किलो राशन मुफ्त हर महीने दे रही है। सरकार के मंत्री विदेश में जाकर इसे शान से दोहराते हैं।
आखिरकार संघियों ने संविधान में भी अपने रामराज की प्रेरणा खोज ली। जनवरी माह के अंत में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने एक रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहा कि मूल संविधान में राम, लक्ष्मण, सीता के चित्र हैं। संविधान निर्माताओं को राम से प्रेरणा मिली है इसीलिए संविधान निर्माताओं ने राम को संविधान में उचित जगह दी है।
मई दिवस पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है और 8 घंटे के कार्यदिवस का अधिकार इससे सीधे जुड़ा हुआ है। पहली मई को पूरी दुनिया के मजदूर त्यौहार की
सुनील कानुगोलू का नाम कम ही लोगों ने सुना होगा। कम से कम प्रशांत किशोर के मुकाबले तो जरूर ही कम सुना होगा। पर प्रशांत किशोर की तरह सुनील कानुगोलू भी ‘चुनावी रणनीतिकार’ है