
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस अथवा मई दिवस मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है जो कि पहली मई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न क्रांतिकारी संगठन एवं वर्ग सचेत मजदूर मई दिवस आंदोलन के अमर शहीदों- अल्बर्ट पार्संस, आगस्त स्पाइस, एडोल्फ फिशर और जार्ज एंजिल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और पूंजीवाद के विरुद्ध क्रांतिकारी संघर्षों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
दिल्ली में इस मौके पर इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया। बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में आयोजित इस सभा में वक्ताओं ने मई दिवस की गौरवशाली विरासत और आज के दौर में इसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से बात की।
दिल्ली में ही इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कार्यालय पर लाल झंडा फहराया गया और मजदूर सभा आयोजित की। इसके अलावा द्वारका में भी घरेलू कामगारों के बीच मई दिवस मनाया गया।
फरीदाबाद में मई दिवस पर इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया। तदुपरान्त हुई सभा में पहलगाम में हुये आतंकी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये दो मिनट का मौन रखा गया तथा इस पर की जा रही सांप्रदायिक राजनीति की कड़ी आलोचना की गई।
गुड़गांव के मानेसर में इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा प्रभात फेरी निकालकर शिकागो के शहीदों को याद किया गया। प्रभात फेरी के समापन पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज तकनीक का जितना विकास हो चुका है उसमें मजदूरों को 6 घंटे कार्यदिवस की मांग करनी चाहिये और अपनी वर्गीय एकता को मजबूत बनाकर पूंजीपति वर्ग के हमलों का जवाब देना चाहिये।
गोहाना में इस अवसर पर जन संघर्ष मंच, हरियाणा द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने शिकागो के उन अमर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने आठ घंटे कार्यदिवस के लिये अपनी जानें कुर्बान कर दीं।
कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन ने पूरे शहर में बाइक रैली निकाली एवं दो स्थानों पर सभा की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज सरकार एक ओर मजदूरों को जाति-धर्म में बांट रही है और दूसरी ओर उनके समस्त अधिकार छीन रही है।
लुधियाना में इस अवसर पर कारखाना मजदूर यूनियन, टैक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन एवं नौजवान भारत सभा द्वारा मजदूर दिवस सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि सरकार और पूंजीपतियों ने मजदूरों को कोई अधिकार तोहफे में नहीं दिये, बल्कि मजदूरों ने एकजुट होकर और अपने पूर्वजों की शहादत के बल पर अधिकार हासिल किये हैं। आज भारत में मजदूरों के श्रम अधिकार छीने जा रहे हैं जिसके विरुद्ध हमें व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी। इस दौरान ‘‘मजदूरो एकजुट हो जाओ’’ नाटक का भी मंचन किया गया।
लुधियाना के ही ग्राम भूंदडी में पेंदू मजदूर यूनियन (ललकार) द्वारा मई दिवस के अमर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा कारखाना मजदूर यूनियन और नौजवान भारत सभा द्वारा चंडीगढ़ में भी मजदूर दिवस सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार) ने भी भागीदारी की।
हरिद्वार में इस अवसर पर एक सभा आयोजित की गई। मई दिवस आयोजन समिति के तत्वाधान में हुई इस सभा के उपरांत सिडकुल क्षेत्र में साइकिल-बाइक रैली निकाली गई। सभा में वक्ताओं ने एंकर प्रबंधन और पुलिस-प्रशासन की कड़े शब्दों में निंदा की। गौरतलब है कि एंकर कम्पनी के मजदूरों के आंदोलन में भागीदारी करने पर पुलिस द्वारा इंकलाबी मजदूर केंद्र के उपाध्यक्ष पंकज व जयप्रकाश, संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा के संयोजक व फ़ूड्स श्रमिक यूनियन के महामंत्री गोविंद सिंह व अध्यक्ष बृजेश कुमार, कर्मचारी संघ सत्यम आटो के महिपाल सिंह, किर्बी श्रमिक कमेटी के महिपाल सिंह, संदीप कुमार, अभिषेक पाल, सूरज अवस्थी, सुनील कुमार एवं अरुण तथा क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद समेत 100 अज्ञात मजदूरों पर फर्जी मुकदमे कायम कर दिये हैं।
काशीपुर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के दिन कुंडेश्वरा के अम्बेडकर पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया। इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं रिचा श्रमिक संगठन द्वारा आयोजित इस सभा में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन एवं भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की। सभा में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मजदूरों पर भारी हमले बोले जा रहे हैं। इस सरकार ने घोर मजदूर विरोधी चार नये लेबर कोड्स पारित कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों की मुंहमांगी मुराद पूरी कर दी है।
रामनगर में इस अवसर पर मई दिवस आयोजन समिति के तत्वाधान में शहर में जुलूस निकाला गया एवं सभा की गई। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज हमारे देश की सत्ता पर फासीवादी ताकतें काबिज हैं। आज सरकार एकदम नग्न रूप में एकाधिकारी पूंजीपतियों के हितों को आगे बढ़ा रही है और सांप्रदायिक विभाजन को गहरा कर रही है जिसके विरुद्ध मजदूर-मेहनतकश जनता को एकजुट होने की जरूरत है। सभा में पहलगाम में हुई आतंकी घटना में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये दो मिनट का मौन रखा गया।
रामनगर में ही मई दिवस की पूर्व संध्या पर इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा ग्राम वीरपुर लच्छी में विचार गोष्ठी की गई। इसके अलावा पहली मई की सुबह समाजवादी लोक मंच ने अपने कार्यालय पर लाल झंडा फहराकर मई दिवस मनाया।
हल्द्वानी में मई दिवस के अवसर पर रोडवेज में सभा की गई। सभा में प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, एक्टू, अखिल भारतीय किसान सभा, जनवादी लोक मंच इत्यादि से जुड़े लोगों ने भागीदारी की।
रुद्रपुर में इस अवसर पर ब्रिटानिया चौक पर सभा की गई। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आयोजित इस सभा को इंकलाबी मजदूर केंद्र, सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, करोलिया लाइटिंग, आनंद निशिकावा, विकल एडविक, जाइडस, टाटा आटोकाम, मंत्री मैटेलिक्स, इंटरार्क, पी डी पी एल, मेहरा ऑटोलाइन, राने मद्रास, बजाज, भगवती, राकेट रिद्धि-सिद्धि, वोल्टास, नील मेटल, यजाकि, नेस्ले, एडियंट, एल जी बी, एरा आदि कम्पनियों की मजदूर यूनियनों, सी एन जी टेम्पो यूनियन, समता सैनिक दल, मूल निवासी संघ आदि ने सम्बोधित किया और एकजुट संघर्ष विकसित करने का संकल्प लिया।
पंतनगर में मई दिवस के मौके पर रामलीला मैदान में सभा की गई एवं जुलूस निकाला गया। कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केंद्र, ठेका मजदूर कल्याण समिति, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र एवं ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा से जुड़े लोगों ने भागीदारी की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय में गैर कानूनी तरीके से ठेका प्रथा के तहत मजदूरों का भयंकर शोषण किया जा रहा है। उन्हें बोनस, ग्रेच्युटी, अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।
बरेली में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर दामोदर स्वरूप पार्क में सभा का आयोजन किया गया। सभा के बाद सभी लोग जुलूस की शक्ल में अम्बेडकर पार्क में होने वाली बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन की सभा में शामिल हुये। यहां सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने मई दिवस का इतिहास, निजीकरण के विरोध, श्रम कानूनों में किए जा रहे परिवर्तन इत्यादि पर अपने विचार रखे। विभिन्न फैक्टरियों में मजदूरों से 12 घंटे काम करवाने के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
काशीपुर, रामनगर, रुद्रपुर, पंतनगर, बरेली आदि के कार्यक्रमों में हरिद्वार में संघर्षरत मजदूरों के समर्थन में व मजदूर नेताओं पर लगाए गये फर्जी मुकदमों के विरोध में प्रस्ताव भी पारित किये गये।
मऊ में एक मई को शिकागो के शहीदों को याद करते हुए जिला श्रमिक समन्वय समिति के बैनर तले जुलूस एवं सभा का आयोजन किया गया। सभा में मजदूर वर्ग के संघर्ष को आगे बढ़ाने व फासीवाद के खिलाफ लड़ने के लिए व्यापक एकजुटता की जरूरत पर बल दिया गया।
बलिया में मई दिवस के शहीदों की याद में तहसील मुख्यालय रसड़ा में इंकलाबी मजदूर केंद्र की ओर से जुलूस निकाला गया व सभा की गई। कार्यक्रम में ग्रामीण मजदूर यूनियन व क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने भी भागीदारी की।
बिहार में मई दिवस के अवसर पर बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन द्वारा पटना में विभिन्न जगहों पर सभा आयोजित की गई। इसी तरह इफ्टू (सर्वहारा) द्वारा पटना के लेबर चौकों पर नुक्कड़ सभायें की गईं। इसके अलावा ग्रामीण मजदूर यूनियन एवं इंकलाबी निर्माण कामगार यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से सासाराम में सभा की गई। -विशेष संवाददाता