
पाटकोट की महिलाओं का शहर में जुलूस-प्रदर्शन
उत्तराखंड में कार्बेट सिटी के नाम से मशहूर रामनगर के ग्राम पाटकोट की महिलाओं ने भारी संख्या में 2 मई को शहर में जुलूस प्रदर्शन कर ‘‘नशा नहीं रोजगार दो’’ का नारा बुलंद किया और उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर गांव में खोले गये शराब के ठेके को तत्काल निरस्त किये जाने और इस संबंध में लिखित अधिसूचना जारी किये जाने की मांग की। गौरतलब है कि पाटकोट में महिलायें पिछले एक माह से भी अधिक समय से आंदोलनरत हैं और शराब के ठेके के विरोध में उनका धरना लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने कहा कि पाटकोट में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। अस्पताल में चिकित्सक, एक्सरे व पैथोलॉजी जांचों की सुविधा नहीं हैं। प्राइमरी स्कूल व इंटर कालेज में मानकों के अनुरूप शिक्षक व अन्य सुविधायें नहीं हैं। पेयजल का भारी संकट है और सिंचाई की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। बैंक व ए टी एम की भी सुविधा नहीं है और जंगली जानवरों का आतंक हमेशा बना रहता है। इन बुनियादी समस्याओं का समाधान करने के बजाय सरकार ने गांव में शराब की दुकान खोल दी है।
ज्ञापन में 13 अप्रैल की मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषणा कि ‘‘नई खोली गई शराब की सभी दुकानें बंद की जायेंगी’’ पर सवाल खड़ा करते हुये कहा गया कि पाटकोट में अभी तक भी शराब का ठेका निरस्त करने की अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को तेज करने को बाध्य होंगे और जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
इस दौरान हुई सभा में ग्रामीण महिलाओं ने सरकार के विरुद्ध अपने गुस्से को जाहिर किया। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने महिलाओं के आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
-रामनगर संवाददाता