उत्तर प्रदेश के बदायूं में रसोइयाकर्मियों का संघर्ष जारी

बकाया मानदेय के भुगतान सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर क्रमिक अनशन

राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइयाकर्मी संघ के बैनर तले बदायूं उत्तर प्रदेश में हम रसोइयाकर्मी क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। इस समय पूरे उत्तर भारत में भयानक शीत लहर चल रही है। लेकिन इस शीत लहर में भी खुले आसमान के नीचे हम सभी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से लेकर शासन-प्रशासन हमारी मांगों को लेकर मौन साधे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मात्र 2000 रुपये प्रति माह मानदेय हम लोगों को दिया जाता है। यह अल्प मानदेय भी वर्ष में केवल 10 माह का मिलता है। यह भी कई-कई महीने नहीं दिया जाता है। पिछले आठ महीने से हमारा मानदेय हमें नहीं दिया गया। पूरे साल हम लोगों से बेगार कराई जाती है। हमें अपनी मेहनत के पैसे को भी पाने के लिए कदम-कदम पर लड़ना पड़ता है। हम लोग पिछले कई महीनों से मानदेय सहित कई मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। हम लोगों ने अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक सब से मुलाकात की, ज्ञापन दिये लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी। अब जब चुनाव का समय है, इस समय भी कोई हमारे मानदेय की मांग को नहीं सुन रहा है। हम सभी छुट्टी के दिनों में भी अपना घर-बार छोड़ कर ठंड में यहां मालवीय आवास गृह पर अनशन पर बैठे हैं।         

हमारी मांगें आठ माह के बकाया भुगतान के अलावा बीमा, सुरक्षा उपकरण, माननीय कोर्ट के फैसले को लागू करने सहित सात मांगें हैं। हम लोग पूरे साल काम करते हैं इसके बाद भी हमारा मानदेय इतना कम है कि हमारी मेहनत की कमाई से घर के खर्चों में कोई खास मदद नहीं होती। इतनी मेहनत के बाद भी हमें लगता है हम आर्थिक तौर पर आश्रित हैं। हम मांग करते हैं कि हमें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। तब तक कम से कम न्यूनतम वेतनमान का भुगतान किया जाए। जिससे हम लोग इस महंगाई के दौर में एक सम्मानजनक जीवन जी सकें। और अपनी अगली पीढ़ी को सही से पढ़ा लिखाकर उसका एक बेहतर भविष्य बना सकें। 
    
साथियो हमारा संघर्ष लंबे समय से जारी है और अब हम लोग 4 जनवरी 2024 से अनशन पर बैठे हुए हैं। हमने शहर के सभी मजदूर-किसान संगठनों, सामाजिक संगठनों से समर्थन भी मांगा है। हमें क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, जनहित सत्याग्रह मोर्चा, किसान यूनियन तथा अन्य संविदा संगठनों का समर्थन मिल भी रहा है। तमाम साथियों का सहयोग हमें लड़ने की ताकत दे रहा है। इससे हमें उम्मीद जगती है कि एक दिन हमारी एकता और संघर्ष जरूर रंग लाएगा। 

-तुलसी मौर्य, जिला अध्यक्ष बदायूं, राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया कर्मी संघ 

आलेख

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