
हरिद्वार/ ओमेगा प्रींटोपैक प्रा. लि. कम्पनी सेक्टर 6 सिडकुल, हरिद्वार में स्थित है जो पैकिंग के लिए कागज (गत्ते) के डिब्बे बनाती है। इसके सिडकुल में चार प्लांट हैं जिसमें लगभग 600 मजदूर काम करते हैं। 80 के आस-पास महिला मजदूर भी थीं जिसमें से 40 महिला मजदूरों को बिना हिसाब दिये काम से निकाल दिया गया है। 600 मजदूरों में से आधे मजदूर स्थाई हैं बाकी सब ठेके के तहत काम कर रहे हैं। पिछले दिनों स्थायी मजदूरों पर ठेकेदारी में काम करने के लिए दबाव बनाने के लिए तरह-तरह से मजदूरों को परेशान किया जा रहा है और झूठे आरोप लगा कर मजदूरों का गेट बंद किया जा रहा है। यहां ज्यादातर मजदूर 10-12 सालों से काम कर रहे हैं।
ओमेगा प्रींटोपैक कम्पनी के मालिक का नाम संदीप जैन है जो मजदूरों को केबिन में बुला कर गाली-गलौच करता है और आदेश देता है कि कल से मत आना। एचआर मैनेजर व प्रोडक्शन मैनेजर भी मजदूरों के साथ बदतमीजी से पेश आते रहे हैं।
ऐसे ही मार्च के महीने में 12 मजदूरों पर जबरन स्थायी से ठेके में डालने के लिए दबाव बनाया गया तो मजदूर इंकलाबी मजदूर केंद्र व कर्मचारी संघ सत्यम के नेताओं के सम्पर्क में आये। मजदूरों ने श्रम विभाग में इकट्ठा होकर शिकायत की। और कम्पनी प्रबंधन ने आकर माफी मांगी और न निकालने की बात कह गये। लेकिन फिर से मजदूरों को परेशान करने व काम से निकालने के लिए तरह-तरह से मानसिक और शारीरिक शोषण-उत्पीड़न किया जा रहा है। अब तक 40 महिला मजदूर और 20 पुरुष मजदूरों सहित 3 स्टाफ के लोग भी निकाले जा चुके हैं जिनको उचित हिसाब भी नहीं दिया गया और कहा कि जाओ जो करना हो कर लेना कम्पनी के आगे कोई मजदूर दिखना नहीं चाहिए।
ओमेगा प्रींटोपैक कम्पनी के मालिक द्वारा की जा रही गैरकानूनी गेट बंदी के विरुद्ध मजदूरों को एकता बना कर लड़ना ही होगा। नहीं तो बचे हुए बाकी मजदूरों को भी मालिक ऐसे ही निकालता रहेगा। -हरिद्वार संवाददाता