
हरिद्वार/ पतंजलि फेस-1 तथा पतंजलि फेस-2 हरिद्वार-रुड़की राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित है। आचार्य कुलम, वाल्मीकि आश्रम, यूनिवर्सिटी, कन्या गुरुकुलम, वानप्रस्थ आश्रम तथा रिसर्च सेंटर आदि इसके संस्थान हैं। जिसमें सफाई व अन्य तरह के कर्मचारियों ने अपने वेतन में हो रही गड़बड़ी, छुट्टी, बोनस, महिला मजदूरों की देर रात छुट्टी बंद करने आदि मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल की। फेस-2 के सफाई मजदूर व अन्य तरह के काम करने 300 मजदूरों ने काम बंद कर संघर्ष किया जिसमें महिला मजदूरों की संख्या ज्यादा है।
मजदूरों का कहना है कि हम से 30 दिन काम कराया जा रहा है और त्यौहार की छुट्टी में भी काम पर आना पड़ता है। और हमारी तनख्वाह 30 दिनों के हिसाब से बनायी जा रही है जब कि श्रम कानून में 26 दिन के हिसाब से तनख्वाह बनती है। हर महीने हमारे 1500 रुपये ठेकेदार और प्रबंधन हड़प रहा है। सारे ही मजदूर एक बड़े कान्ट्रैक्टर जिसका नाम बीवीजी इंडिया लिमिटेड (भारत विकास ग्रुप कंपनी) के तहत काम पर लगाये गये हैं। मजदूरों ने 13-14-15 मई को हड़ताल की। उस दौरान प्रबंधन व ठेकेदार के स्टाफ द्वारा उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। हड़ताल के दौरान घर-घर नोटिस भेजा गया कि आप हड़ताल में शामिल हैं। हड़ताल अवैध और गैरकानूनी है। आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी आदि, आदि।
इस हड़ताल से पहले अप्रैल माह में भी मजदूरों ने इन समस्याओं को लेकर काम बंद किया तो प्रबंधन ने अगले माह मई के पहले सप्ताह में समाधान करने का वादा किया था। लेकिन पहले जैसी ही तनख्वाह आयी तो मजदूर भड़क गए और हड़ताल पर चले गये।
हड़ताल के दौरान मजदूरों से वार्ता के लिए प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया तो सारे मजदूर श्रम विभाग रोशनाबाद गये और अपनी शिकायत दी। इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं को जैसे ही पता चला तो उन्होंने मजदूरों से बात की और श्रम अधिकारी से मिलकर समस्या का समाधान करने की मांग की। श्रम अधिकारी ने पतंजलि के प्रबंधन को फोन कर बताया और कहा कि कल सब काम पर जायेंगे। जो समस्या है उसका समाधान करो। चौथे दिन सब मजदूर काम पर गये। दो दिन बाद श्रम अधिकारी ने जाकर निरीक्षण कर मजदूरों को आश्वासन दिया कि आगे से प्रबन्धक ऐसा नहीं करेगा। हाल फिलहाल में मजदूरों से बातचीत हुई तो पता चला कि हड़ताल में शामिल किसी मजदूर को काम से नहीं निकाला गया है लेकिन इधर-उधर संस्थानों में काम करने के लिए भेज कर परेशान किया जा रहा है।
बाबा रामदेव के झूठ-फरेब और मजदूरों के शोषण पर खड़े पूंजी का साम्राज्य के पीछे भाजपा सरकार खड़ी है। मजदूरों को रामदेव को बाबा नहीं समझना चाहिए। खून चूस कर मुनाफा कमाने वाला पूंजीपति समझना होगा।
पतंजलि के मजदूरों को इन समस्याओं से लड़ने के लिए एकता बनानी होगी। तभी जाकर शोषण-उत्पीड़न पर रोक लग सकती है। संगठन ही शक्ति है इस बात को हर मजदूर को समझना तथा औरों को समझाना होगा। -हरिद्वार संवाददाता