एक ही अखबार के तीन अलग-अलग पन्नों पर तीन खबर छपी थी। एक खबर थी कि वित्त वर्ष 2024 में भारत का जीडीपी 8 प्रतिशत को पार कर गया। मेन्यफैक्चरिंग, सेवा आदि सभी क्षेत्रों में भारत तेजी से विकास कर रहा है। दूसरी खबर थी वित्त वर्ष 2024 में अडानी की सम्पति में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
तीसरी खबर थी देश के कई हिस्सों में गरमी का प्रकोप है और कई गरीब मजदूर गरमी के कारण मारे गये।
पहली और दूसरी खबर देश का विकास और पूंजीपति का विकास के बीच सीधे सम्बंध को शायद ही कोई नकारे।
लेकिन पहली-दूसरी खबर का तीसरी खबर से सीधा और गहरा सम्बंध है, इसे नकारने के लिए पूंजीवादी व्यवस्थापरस्त लोग सामने आ जायेगें।
यही पूंजीवादी व्यवस्था की सच्चाई है एक तरफ देश विकास कर रहा है, पूंजीपति विकास कर रहा है। दूसरी ओर देश में गरीब-मजदूर गरमी, जाडा-बरसात में अपनी जान गंवा रहा है। इन मौसमों की मार से बचने के लिए उसके पास आवश्यक साधन नहीं हैं।