विदेश

अमेरिकी नाकेबंदी के खिलाफ क्यूबा में विशाल मार्च

/ameriki-naakebandi-ke-khilaf-cuba-mein-vishal-march

20 दिसम्बर को 5 लाख से अधिक क्यूबावासी हवाना के मालेकान से अमेरिका दूतावास तक मार्च करने के लिए सड़कों पर उतरे। क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डिआज कैनेल के आह्वान पर आयोजित

न्यूजीलैंड में नर्सों की हड़ताल

/newziland-mein-nurses-ki-hadtaal

3 दिसंबर को न्यूजीलैंड में 36,000 नर्सों, सहायकों और मिडवाइव्स ने आठ घंटे की हड़ताल कर अपने वेतन को बढ़ाने की मांग की। साथ ही उनकी मांग खाली पड़े पदों को भरने की भी है। पिछल

जर्मनी में बजट कटौती के खिलाफ प्रदर्शन

/jermany-mein-budget-katauti-ke-khilaph-pradarsan

5 दिसम्बर को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में सीनेट के सामने हजारों अध्यापकों, आर्टिस्ट, सार्वजनिक कर्मचारियों और सांस्कृतिक कर्मियों, देखभाल करने वालों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सीनेट द्वारा सार्व

श्रीलंका में स्कूल डवलपमेंट आफिसर्स का प्रदर्शन

/srilanka-mein-schoool-dovelopment-officers-kaa-pradarshan

4 दिसंबर को श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय के सामने करीब 500 स्कूल डवलपमेंट आफिसर्स ने प्रदर्शन किया। इनकी मांग इनको स्थायी किये जाने की है। स्कूल डवलपमेंट आफिसर्स के इस प्र

ग्रीस में आम हड़ताल

/greece-mein-aam-hadataal

20 नवंबर को ग्रीस में सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और मजदूरों ने 24 घंटे की आम हड़ताल कर अपने वेतन को बढ़ाने की मांग की। यह हड़ताल उस समय आयोजित की गयी है जब ग्रीस

तुर्की में कोयला खान के मजदूरों की हड़ताल

/turkey-mein-koyalaa-khaan-ke-majdooron-ki-hadataal

20 नवंबर से तुर्की की राजधानी अंकारा के निहलानी जिले में स्थित कोयला खान के मजदूरों ने हड़ताल कर दी। हड़ताल की शुरुवात में 500 मज़दूरों ने अपने आपको खान के अंदर ही बंद कर लि

सऊदी अरब के निओम प्रोजेक्ट में श्रमिकों की चौंकाने वाली मौतें

/saudi-arab-ke-neom-project-mein-sramikon-ki-chaunkaane-wali-maautein

सऊदी अरब ‘‘नियोम सिटी प्रोजेक्ट’’ पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य देश में एक अभिनव शहरी क्षेत्र बनाना है। प्रमुख परियोजना के निर्माण के लिए श्रमिकों को कानूनी सीमाओं से

बोइंग कम्पनी के 30,000 मजदूरों की हड़ताल जारी

/boing-company-ke-30,000-majadooron-ki-hadataal-jaari

अमेरिका की विमान बनाने वाली कम्पनी बोइंग के 30,000 मजदूर 14 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। ये मजदूर अपने वेतन में वृद्धि, पेंशन आदि की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की

अमेरिका की तेल रिफाइनरी डेट्रोईट के मजदूर हड़ताल पर

जो मजदूर हड़ताल पर गये हैं वे कम्पनी में सुरक्षा व्यवस्था देखते थे

अमेरिका की तेल रिफाइनरी कम्पनी डेट्रोईट के 270 मजदूर अपने कांट्रेक्ट के नवीनीकरण के लिए 5 सितम्बर से हड़ताल पर चले गये हैं। ज्ञात हो कि इन मजदूरों का कांट्रेक्ट 31 जनवरी 2

गाजा की महिलाओं-बच्चों के खून में हाथ रंगते भारतीय शासक

जब से इजरायल द्वारा गाजा में भीषण नरसंहार शुरू हुआ है तब से भारतीय शासकों की इजरायल के प्रति पक्षधरता किसी से छिपी नहीं है। भारत के केन्द्र में काबिज संघ-भाजपा इजरायल के

आलेख

/trump-ke-raashatrapati-banane-ke-baad-ki-duniya-ki-sanbhaavit-tasveer

ट्रम्प ने घोषणा की है कि कनाडा को अमरीका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। अपने निवास मार-ए-लागो में मजाकिया अंदाज में उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को गवर्नर कह कर संबोधित किया। ट्रम्प के अनुसार, कनाडा अमरीका के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है, इसलिए उसे अमरीका के साथ मिल जाना चाहिए। इससे कनाडा की जनता को फायदा होगा और यह अमरीका के राष्ट्रीय हित में है। इसका पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विरोधी राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया। इसे उन्होंने अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ कदम घोषित किया है। इस पर ट्रम्प ने अपना तटकर बढ़ाने का हथियार इस्तेमाल करने की धमकी दी है। 

/bhartiy-ganatantra-ke-75-saal

आज भारत एक जनतांत्रिक गणतंत्र है। पर यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिकों को पांच किलो मुफ्त राशन, हजार-दो हजार रुपये की माहवार सहायता इत्यादि से लुभाया जा रहा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिकों को एक-दूसरे से डरा कर वोट हासिल किया जा रहा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें जातियों, उप-जातियों की गोलबंदी जनतांत्रिक राज-काज का अहं हिस्सा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें गुण्डों और प्रशासन में या संघी-लम्पटों और राज्य-सत्ता में फर्क करना मुश्किल हो गया है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिक प्रजा में रूपान्तरित हो रहे हैं? 

/takhtaapalat-ke-baad-syria-mein-bandarbaant-aur-vibhajan

सीरिया में अभी तक विभिन्न धार्मिक समुदायों, विभिन्न नस्लों और संस्कृतियों के लोग मिलजुल कर रहते रहे हैं। बशर अल असद के शासन काल में उसकी तानाशाही के विरोध में तथा बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोगों का गुस्सा था और वे इसके विरुद्ध संघर्षरत थे। लेकिन इन विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों के मानने वालों के बीच कोई कटुता या टकराहट नहीं थी। लेकिन जब से बशर अल असद की हुकूमत के विरुद्ध ये आतंकवादी संगठन साम्राज्यवादियों द्वारा खड़े किये गये तब से विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के विरुद्ध वैमनस्य की दीवार खड़ी हो गयी है।

/bharatiy-sanvidhaan-aphasaanaa-and-hakeekat

समाज के क्रांतिकारी बदलाव की मुहिम ही समाज को और बदतर होने से रोक सकती है। क्रांतिकारी संघर्षों के उप-उत्पाद के तौर पर सुधार हासिल किये जा सकते हैं। और यह क्रांतिकारी संघर्ष संविधान बचाने के झंडे तले नहीं बल्कि ‘मजदूरों-किसानों के राज का नया संविधान’ बनाने के झंडे तले ही लड़ा जा सकता है जिसकी मूल भावना निजी सम्पत्ति का उन्मूलन और सामूहिक समाज की स्थापना होगी।    

/syria-par-atanki-hamalaa-aur-takhtaapalat

फिलहाल सीरिया में तख्तापलट से अमेरिकी साम्राज्यवादियों व इजरायली शासकों को पश्चिम एशिया में तात्कालिक बढ़त हासिल होती दिख रही है। रूसी-ईरानी शासक तात्कालिक तौर पर कमजोर हुए हैं। हालांकि सीरिया में कार्यरत विभिन्न आतंकी संगठनों की तनातनी में गृहयुद्ध आसानी से समाप्त होने के आसार नहीं हैं। लेबनान, सीरिया के बाद और इलाके भी युद्ध की चपेट में आ सकते हैं। साम्राज्यवादी लुटेरों और विस्तारवादी स्थानीय शासकों की रस्साकसी में पश्चिमी एशिया में निर्दोष जनता का खून खराबा बंद होता नहीं दिख रहा है।