कविता

राजा नंगा है -रूपरेखा वर्मा

/raja-nangaa-hai-rooprekha-verma

वो डरता है
बंदूकधारी सुरक्षाकर्मियों के घेरों के
बावजूद
वो डरता है
मज़बूत किले में हिफाज़त के
बावजूद
वो डरता है
झूठी डिग्रियों की सनद के
बावजूद

मरम्मत से काम बनता नहीं -विजय गौड़ (16 मई 1968-21 नवम्बर 2024)

/marammat-se-kaam-banataa-nahin-vijay-gaud-16-may-1968-21-november-2024

आपके साथ जो हुआ वह 
निश्चित ही अन्याय है पर, 
आपके बेटे की क्या गलती
जो बेशक बहुत अव्वल नहीं 
लेकिन जिसके लिए किसी विद्यालय में 
पढ़ने का अवसर नहीं 

सुनो! संघियो, मैं तुम्हारे मुंह पर कहती हूं -मृगया शोभनम्

/suno-sanghiyo-mein-tumhaare-munh-par-kahati-hoon-mrgayaa-sobhanam

सुनो!
संघियो, सुनो !
मैं तुम्हारे मुंह पर कहती हूं,
तुम्हारी हर बात झूठी है
तुम्हारी धर्म की व्याख्या झूठी है,
तुम्हारा इतिहास का बखान झूठा है,

टाटा की मौत पर -मृत्युलेख -मोमिता

/tata-ki-maut-par-mratyulekh-momitaa

कोसाम के पेड़ों के सभी विस्थापित लार्वा
भोपाल के घायल बच्चे
और गाजा की मृत माताएं,
और सभी विस्थापित आदिवासी सामूहिक रूप से गाते हैं
कोई पूंजीपति अच्छा नहीं होता

तेंदुआ -उषा राय

/tendua-usaa-raaya

 (अंश)

1.
घुस आया है तेंदुआ
वे मुग्ध हैं उसके हिंसक अंदाज पर
गर्व करते हैं फूल माला से लाद देते हैं
पर लोग हैरान हैं कि यह तो तेंदुआ है!

आलेख

/trump-ke-raashatrapati-banane-ke-baad-ki-duniya-ki-sanbhaavit-tasveer

ट्रम्प ने घोषणा की है कि कनाडा को अमरीका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। अपने निवास मार-ए-लागो में मजाकिया अंदाज में उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को गवर्नर कह कर संबोधित किया। ट्रम्प के अनुसार, कनाडा अमरीका के साथ अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है, इसलिए उसे अमरीका के साथ मिल जाना चाहिए। इससे कनाडा की जनता को फायदा होगा और यह अमरीका के राष्ट्रीय हित में है। इसका पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विरोधी राजनीतिक पार्टियों ने विरोध किया। इसे उन्होंने अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ कदम घोषित किया है। इस पर ट्रम्प ने अपना तटकर बढ़ाने का हथियार इस्तेमाल करने की धमकी दी है। 

/bhartiy-ganatantra-ke-75-saal

आज भारत एक जनतांत्रिक गणतंत्र है। पर यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिकों को पांच किलो मुफ्त राशन, हजार-दो हजार रुपये की माहवार सहायता इत्यादि से लुभाया जा रहा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिकों को एक-दूसरे से डरा कर वोट हासिल किया जा रहा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें जातियों, उप-जातियों की गोलबंदी जनतांत्रिक राज-काज का अहं हिस्सा है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें गुण्डों और प्रशासन में या संघी-लम्पटों और राज्य-सत्ता में फर्क करना मुश्किल हो गया है? यह कैसा गणतंत्र है जिसमें नागरिक प्रजा में रूपान्तरित हो रहे हैं? 

/takhtaapalat-ke-baad-syria-mein-bandarbaant-aur-vibhajan

सीरिया में अभी तक विभिन्न धार्मिक समुदायों, विभिन्न नस्लों और संस्कृतियों के लोग मिलजुल कर रहते रहे हैं। बशर अल असद के शासन काल में उसकी तानाशाही के विरोध में तथा बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोगों का गुस्सा था और वे इसके विरुद्ध संघर्षरत थे। लेकिन इन विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों के मानने वालों के बीच कोई कटुता या टकराहट नहीं थी। लेकिन जब से बशर अल असद की हुकूमत के विरुद्ध ये आतंकवादी संगठन साम्राज्यवादियों द्वारा खड़े किये गये तब से विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के विरुद्ध वैमनस्य की दीवार खड़ी हो गयी है।

/bharatiy-sanvidhaan-aphasaanaa-and-hakeekat

समाज के क्रांतिकारी बदलाव की मुहिम ही समाज को और बदतर होने से रोक सकती है। क्रांतिकारी संघर्षों के उप-उत्पाद के तौर पर सुधार हासिल किये जा सकते हैं। और यह क्रांतिकारी संघर्ष संविधान बचाने के झंडे तले नहीं बल्कि ‘मजदूरों-किसानों के राज का नया संविधान’ बनाने के झंडे तले ही लड़ा जा सकता है जिसकी मूल भावना निजी सम्पत्ति का उन्मूलन और सामूहिक समाज की स्थापना होगी।    

/syria-par-atanki-hamalaa-aur-takhtaapalat

फिलहाल सीरिया में तख्तापलट से अमेरिकी साम्राज्यवादियों व इजरायली शासकों को पश्चिम एशिया में तात्कालिक बढ़त हासिल होती दिख रही है। रूसी-ईरानी शासक तात्कालिक तौर पर कमजोर हुए हैं। हालांकि सीरिया में कार्यरत विभिन्न आतंकी संगठनों की तनातनी में गृहयुद्ध आसानी से समाप्त होने के आसार नहीं हैं। लेबनान, सीरिया के बाद और इलाके भी युद्ध की चपेट में आ सकते हैं। साम्राज्यवादी लुटेरों और विस्तारवादी स्थानीय शासकों की रस्साकसी में पश्चिमी एशिया में निर्दोष जनता का खून खराबा बंद होता नहीं दिख रहा है।