रामनगर/ दिनांक 8 नवम्बर 24 को गोविन्द देवी इंटर कालेज, बैलपोखरा कोटाबाग नैनीताल की प्रभारी प्रधानाचार्य श्रीमती इंदिरा जोशी ने 2 भोजनमाताओं को स्कूल से निकाल दिया। अब वह भोजनमाताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। प्रधानाचार्य मैडम ने जून के महीने से राशन भंडारगृह में रखा हुआ है। इसमें सीलन से तमाम कीड़े पड़ चुके हैं। उसी को भोजनमाताओं से बनवाती हैं और सब्जी भी सबसे सड़ी और बेकार लाती है। यही कीड़े वाला भोजन बच्चों को खिलाया जाता है। भोजनमाताओं के विरोध करने पर उन्हें काम से निकाल दिया। अगले दिन 9 नवम्बर को सुबह 8 बजे अभिभावक संघ की अध्यक्ष और दो अन्य महिलाओं को बुलाकर खाना बनवा दिया। प्रधानाचार्य नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही हैं।
11 नवम्बर को भोजनमाताओं की यूनियन प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के कार्यकर्ताओं ने कोटाबाग बीआरसी की शिक्षा अधिकारी के आफिस में जाकर अपनी मैडम व स्टाफ के बारे में बताया तो वहां के बीएलओ कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। अपनी परेशानी रखने पर उन्होंने कहा कि आप की ही गलती होगी तो भोजनमाताओं ने वीडियो दिखायी। वह कीड़े वाली चावल, सड़ी सब्जी की वीडियो थी। तो इसे भी उन्होंने अनदेखा कर दिया।
उन्होंने कहा कि हम जांच करेंगे और जांच कमेटी बिठायेंगे। चले जाओ यहां से। हमको सब पता है तुम ही गलत हो। हम वीडियो नहीं देख रहे हैं। स्कूल में ही देखी जायेगी। तो भोजनमाताओं ने जबरदस्ती ज्ञापन दे दिया और रिसीविंग मांगी तो वह आना कानी करने लगे। और फिर इधर-उधर भगाने में लगे रहे। फिर जब भोजनमाताओं ने कहा कि आप हमारी बात नहीं सुन रहे हो तो हम यहीं पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और नैनीताल और भीमताल शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजेंगे तब उन्होंने रिसीविंग दी।
जब वहां से आने के बाद अखबार में भी खबर आ गयी तब शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी। 13 नवम्बर को सुबह स्कूल में वही पुरानी भोजनमाताओं को बुला लिया गया। 13 नवम्बर 24 को उन्होंने ही खाना बनाया। फिर मैडम ने एस एम सी की बैठक की। उसमें भोजनमाताओं को नहीं बुलाया। फिर 2 बजकर 30 मिनट पर भोजनमाताओं को घेर लिया और कहा कि जो उन्होंने बीआरसी में ज्ञापन दिया है उसे वापस लाओ और कहो कि आपसी समझौता हो गया है। लिख कर दे दो। पर भोजनमातायें इस पर सहमत नहीं हैं।
आज सरकार कहती है कि स्कूलों में बच्चों को शुद्ध पीएम पोषण आहार दिया जायेगा। एक तरफ सरकार ऐसा बोलती है वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में कीड़े वाले चावल, कीड़े वाली सब्जी बनायी जाती है। सरकार कह रही है उज्जवला गैस की सुविधा हर स्कूल में दी जा रही है वहीं सरकारी स्कूलों में लकड़ियों पर खाना बन रहा है। जो भोजनमाताओं के फेफड़ों को नुकसान कर रहा है। ये सरकार जनविरोधी सरकार है और भ्रष्टाचारी है। ऐसे में हमें ऐसी सरकारों से लड़ना पड़ेगा। और एकजुट होना पड़ेगा। तब हम इसको मुंह तोड़ जवाब दे सकते हैं।
-रामनगर संवाददाता
भोजनमाताओं का उत्पीड़न
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