रामनगर (नैनीताल) में 22 मार्च को प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के बैनर तले बहुत सी भोजनमातायें उप जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष एकत्रित हुईं और स्कूलों में किये जा रहे उनके उत्पीड़न के विरुद्ध जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। तदुपरांत उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एक ज्ञापन तहसीलदार को प्रेषित किया।
अपने ज्ञापन में भोजनमाताओं ने आरोप लगाया कि स्कूलों में उनके लिये तय काम-खाना बनाना और बांटना तथा बर्तन धोना- के अतिरिक्त अन्य बहुत सा काम उनसे कराया जाता है और इससे इंकार करने पर उन्हें परेशान किया जाता है और किसी मामले में फंसा देने अथवा निकालने की धमकी दी जाती है।
भोजनमाताओं ने इसकी जांच कराने व दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की। गौरतलब है कि विभिन्न स्कीम वर्कर्स- भोजनमाताओं एवं आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार न्यूनतम वेतन भी देने को तैयार नहीं है और मामूली मानदेय पर उनसे बेगारी कराई जा रही है जिसके विरुद्ध सभी स्कीम वर्कर्स को अपने संगठनों को मजबूत बनाने एवं व्यापक एकजुटता कायम करने की जरूरत है। भोजनमाताओं समेत सभी स्कीम वर्कर्स को चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी का दर्जा हासिल करने एवं उसी अनुरूप वेतन पाने का पूरा हक़ है और इसके लिये उन्हें अपने आंदोलन को तेज करना होगा। -एक पाठक, रामनगर