मध्य प्रदेश आदिवासियों के उत्पीड़न को लेकर समय-समय पर सुर्खियों में रहता है। कुछ समय पहले यहां एक भाजपा नेता द्वारा आदिवासी व्यक्ति के सिर पर पेशाब करने का मामला सुर्खियों में रहा। मौजूदा मामला आदिवासी छात्राओं का है।
एक गैंग जो आवाज बदलकर (महिला की आवाज में) आदिवासी छात्राओं को फोन करता था। अपना परिचय छात्रा के कॉलेज के किसी स्टाफ के तौर पर देता था। वह छात्रों को छात्रवृत्ति या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने जैसी बातों से विश्वास में लेता थे। छात्राओं को इसका लाभ दिलवाने के बहाने किसी सुनसान जगह में बुलाकर उनके साथ रेप किया जाता था।
इस मामले में कई एफआईआर हुई। बृजेश प्रजापति, लवकुश प्रजापति, राहुल प्रजापति, संदीप प्रजापति चार आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों ने स्वीकारा कि अब तक 7 घटनाओं को इस तरह से अंजाम दिया गया।
समाज में आदिवासी महिलाओं के साथ इस तरह संगठित अपराध पूंजीवादी व्यवस्था पर ही प्रश्न चिन्ह खडे करता है। जहां महिलाएं खासकर गरीब महिलाएं अभी तक सुरक्षित नहीं हैं। वह नित नये-नये ढंग से लम्पटों की हैवानियत का शिकार हो रही हैं।