इसे कहते हैं असली संस्कार

भारत में चुनाव में मुफ्त में शराब बांटी जाती है यह आम बात है। खास बात यह है कि कोई बंदा चुनाव में जीत जाये और वह बकायदा आबकारी विभाग से अनुमति ले और पुलिस की उपस्थिति में मुफ्त में शराब बांटे। और अगर यह काम कोई ऐरा-गैरा करे तो उसे कुछ भी कहा जा सकता है। परन्तु यह भारत की महान सनातनी संस्कृति के सबसे बड़े पुरोधा करें तो आपको कहना होगा कि इसे कहते हैं असली संस्कार। 
    
हुआ यूं कि कर्नाटक में चिक्कबल्लापुर से नव निर्वाचित सांसद के. सुधाकर के समर्थकों ने उनकी जीत के उपलक्ष्य में 8 जुलाई को मुफ्त में शराब बंटवायी और पियक्कड़ों को यह सुविधा दी गयी कि वह अपने मन के ब्राण्ड की शराब चुन सकते थे। पुलिस विभाग ने व्यवस्था संभाली और आबकारी विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए लाइसेंस दिया ताकि असली संस्कारों का प्रचार-प्रसार किया जा सके। 

आलेख

/ceasefire-kaisa-kisake-beech-aur-kab-tak

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय ‘युद्ध’ अमेरिका के राष्ट्रपति की ‘युद्ध विराम’ घोषणा के जरिए 10 मई की शाम पांच बजे समाप्त हो गया। युद्ध विराम की घोषणा सबसे पहले अमेरि

/terrosim-ki-raajniti-aur-rajniti-ka-terror

पहलगाम की आतंकी घटना के बाद देश के पूंजीवादी दायरों से लगातार यह बात आ रही है कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सब लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ खड़ा होना चाहिए और सरक

/modi-government-fake-war-aur-ceasefire

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले की घटना के बाद से ही मोदी की अगुवाई वाली एन डी ए सरकार, मोदी-शाह और भाजपाइयों ने देश की जनता को युद्ध के उन्माद की ओर धकेल

/fasism-ke-against-yuddha-ke-vijay-ke-80-years-aur-fasism-ubhaar

9 मई 1945 को फासीवादी जर्मनी के आत्मसमर्पण करने के बाद फासीवाद के विरुद्ध युद्ध में विजय मिल गयी थी। हालांकि इस विजय के चार महीने बाद जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अम