फासीवाद / साम्प्रदायिकता,

लंपटों की रामायण

रामकथा कहने वाली वाल्मीकि रामायण के बाद कई सारी रामायण आ चुकी हैं। एक शोधकर्ता रामानुजन ने तो दुनिया भर में तीन सौ रामायण का दावा करते हुए किताब लिखी है जिसे हिन्दू फासीव

समान नागरिक संहिता : साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का एजेण्डा

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका यात्रा से लौटते ही एक बार फिर समान नागरिक संहिता का राग छेड़ दिया है। वर्तमान समय में इस मुद्दे को उठाने का भाजपा का लक्ष्य एकदम स्पष्ट है। इस

अखण्ड भारत और मणिपुर हिंसा

नई संसद में मोदी सरकार ने अखण्ड भारत का नक्शा लगवाया है। इस नक्शे के जरिये हिन्दू फासीवादियों ने मानो इस बात का खुलेआम एलान कर दिया है कि उनके फासीवादी हिन्दू राष्ट्र में पाक-अफगानिस्तान से लेकर बा

एक फैसला ऐसा भी

अलवर की एक अदालत ने 25 मई को एक फैसला सुनाया। यह फैसला था 20 जुलाई 2020 को रकबर खान की कथित गौ रक्षकों द्वारा लिंचिंग किये जाने के सम्बन्ध में। फैसले में 4 आरोपियों को 7 साल की सजा सुनायी गयी और मु

आखिर क्यों न याद रखें भीमा कोरेगांव केस! -आकार पटेल

भीमा कोरेगांव ऐसा केस है जिससे साफ पता चलता है कि सरकार उन लोगों के खिलाफ क्या कुछ कर सकती है जो वंचित तबकों के खिलाफ सरकारी उत्पीड़न के विरोध में खड़े होते हैं। उन्हें सरकार के दुश्मन के तौर पर देखा

हिंदू फासीवादी, न्यायपालिका और मनुस्मृति

 हमारे देश की न्याय व्यवस्था पर हिंदू फासीवादियों का प्रभाव किस कदर बढ़ता जा रहा है इसका एक ताजा उदाहरण गुजरात हाईकोर्ट द्वारा एक मामले की सुनवाई के दौरान मनुस्मृति का हवाला देने के रूप में सामने आय

‘‘पुरोला तो झांकी है पूरा देश बाकी है’’...?

उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में हिन्दू उपद्रवी संगठनों का नंगा नाच पिछले कई दिनों से जारी है। इन उपद्रवियों को सत्ता में बैठी भाजपा सरकार और उसके हाथ का खिलौना बने प्रशासन का पूरा

उद्घाटन के दिन ही महिला पहलवानों पर बरसा सेंगोल

28 मई को नई संसद और राजदण्ड सेंगोल का काफी ताम झाम के साथ उद्घाटन हो गया। राजधानी दिल्ली में जहां एक ओर नई संसद का उद्घाटन हो रहा था वहीं दूसरी ओर संघर्षरत महिला पहलवानों पर दिल्ली पुलिस बर्बर लाठी

हिंसा, नफरत और झूठे वायदों के 9 साल

मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन 9 वर्षों में सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर गिनाने को कुछ नहीं है। पर फिर भी 2024 के चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में 9 वर्ष के शासन की उपलब्धियों को गि

मोनिका-मोनिस की शादी पर हिंदू फासीवादियों का ग्रहण लगा

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मोनिका और मोनिस की शादी का कार्ड वायरल हो रहा था। वजह थी लड़की का हिंदू और लड़के का मुस्लिम होना। और इससे भी बड़ी बात थी कि ये शादी दोनों परिवारों की मर्ज़ी से हो रही थी। मोन

आलेख

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को