विविध

हल्द्वानी की हिंसा एक खास पैटर्न का नतीजा जिसमें मुसलमानों को बनाया जाता है निशाना -आकार पटेल

उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने के नाम पर विध्वंस की कार्रवाई और उसके बाद हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत, एक ऐसे पैटर्न को रेखांकित करती है जो बीजेपी शासित राज्यों में आम ह

हे राम ! (भाग-2)

हे राम! तू है अगर कहीं
आ, उतर आ, जमीन पर
पापियों को दे सजा
न्याय कर, इंसाफ कर।
क्या कसूर था किया
क्या, बता था उनका दोष
उजाड़ दी हैं बस्तियां

भू कानून और मूल निवास को लेकर फिर सुगबुगाहट

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली गई। इसमें मुख्यतः कुमाऊं से कई संगठनों और लोगों ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व देहरादून में भी ऐसी र

एक मजदूर की अपने मजदूर साथियों से अपील

कारखाने में काम करते हुए, सब कुछ सहन करते, चलते-फिरते मशीनों और लाशों में तब्दील होते हम मजदूर, जिनको अब कुछ भी महसूस नहीं होता है। अपने आस-पास हो रहे गलत का विरोध करने की ताकत भी हम मजदूरों में नह

उन्माद के बाद

आम चुनाव के ठीक पहले घोर धार्मिक-राजनैतिक उन्मादी माहौल के बीच आधे-अधूरे बने मंदिर में मोदी द्वारा भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा अयोध्या में कर दी गयी। पूरा देश तो नहीं पर

हिट एण्ड रन कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल में आटो यूनियन की सक्रियता

बरेली/ औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति के नाम पर मोदी सरकार ने उससे भी ज्यादा कठोर काले कानून पास किये हैं। ‘भारतीय न्याय संहिता’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संह

धर्म का धंधा

आज से करीब ढाई हजार साल पहले जब प्लेटो यानी अफलातून ने अपनी ‘गणराज्य’ नामक किताब में आदर्श राज्य व्यवस्था का खाका खींचा तो साथ ही इसके स्थायित्व की भी व्याख्या की। उसने क

महान सर्वहारा नेता लेनिन की याद में कार्यक्रम

21 जनवरी 2024 को महान सर्वहारा नेता लेनिन की मृत्यु को 100 वर्ष पूरे हो गये। बीते 100 वर्षों के इतिहास पर महान समाजवादी अक्टूबर क्रांति व उसके नेता लेनिन का प्रभाव स्पष्ट

आलेख

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आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को