दिनांक 20 एवं 21 फरवरी 2023 को इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति तथा प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं ने पंतनगर परिसर के टा कालोनी एवं झा कालोनी में कर्मचारियों/ शिक्षकों के बीच घर-घर जाकर बीमार ठेका मजदूर के इलाज के लिए आर्थिक सहयोग अभियान चलाया जिसमें शिक्षकों, कर्मचारियों ने भाईचारा कायम करते हुए भरपूर सहयोग दिया। मालूम हो कि पंतनगर विश्व विद्यालय के शिवालिक भवन छात्रावास में छात्रों का खाना बनाने का काम कर रहे ठेका मजदूर महेंद्र सैनी की विगत वर्ष अचानक तबियत खराब हो गई। पेशाब की नली बंद हो गई। परिजनों द्वारा राममूर्ति अस्पताल बरेली, गौतम अस्पताल, मेडिसिटी अस्पताल रुद्रपुर, पांडेय अस्पताल बाजपुर आदि कई जगह दिखाया गया, भर्ती कराया गया। जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ परन्तु निर्णायक इलाज कहीं नहीं हो सका। अस्पतालों में इलाज के लिए डाक्टरों द्वारा डेढ़ दो लाख की बात कही गई। ठेका मजदूर को ई.एस.आई. अंशदान का समय पूरा न होने के कारण ई.एस.आई. से भी कोई लाभ नहीं मिल सका था। हार थक कर मजदूर को जयपुर, राजस्थान के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टर द्वारा ठेका मजदूर का पहला आपरेशन किया गया। डाक्टर द्वारा कुछ महीनों के बाद दूसरे आपरेशन करने के बाद ही पूरी तरह ठीक होने की बात कही गई थी।
इधर अति अल्प न्यूनतम वेतन में परिवार के पालन-पोषण में ही आर्थिक तंगी झेल रहे ठेका मजदूर को इलाज कराने में पैसे को लेकर भी संकट खड़ा हो गया था। उस समय विगत वर्ष में भी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा पंतनगर परिसर के कर्मचारियों, शिक्षकों से घर-घर जाकर चन्दा अभियान चलाकर मदद की गई थी। अब दुबारा आपरेशन कराने को लेकर फिर वही स्थिति खड़ी हो गयी। जहां सरकार की निजीकरण की जनविरोधी नीतियों के कारण सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। यानी सरकारी अस्पताल खर्चे के मामले में प्राइवेट जैसे ही हो चुके हैं। ऐसी आपातकालीन स्थिति में न तो ठेकेदार द्वारा कोई राहत दी जा रही है और न ही प्रशासन द्वारा। बहरहाल इसी को लेकर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा इलाज के लिए पंतनगर में दो दिन चंदा अभियान चलाकर ठेका मजदूर को इलाज के लिए आर्थिक सहयोग दिया गया। -एक मजदूर, पंतनगर