गुड़गांव/ दिनांक 9 सितंबर 2023 को बेलसोनिका यूनियन ने मारुति सुजूकी फैक्टरी मानेसर के गेट नंबर 4 से सुबह 10ः00 बजे जी-20 के सम्मेलन स्थल तक अपना तय कार्यक्रम ‘‘पैदल मार्च’’ शुरू किया। गेट नंबर 4 पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। पुलिस ने पैदल मार्च न निकालने के लिए यूनियन को रोकने के प्रयास किए। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने पैदल मार्च को स्वीकृति दी, लेकिन जैसे ही यूनियन का पैदल मार्च आईएमटी चौक, मानेसर तक पहुंचा तो पुलिस ने पैदल मार्च को आईएमटी चौक पर ही रोक दिया। आई एम टी चौक पर पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। सहायक श्रमायुक्त सर्किल-6 व प्रशासनिक अधिकारी एस.डी.एम. गुड़गांव आदि ने पैदल मार्च को मानेसर तहसील पर रोक कर ज्ञापन देने के लिए बोला। यूनियन ने पुलिस व प्रशासन को कहा कि हमें जी-20 के सम्मेलन स्थल तक जाकर देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन देना है, लेकिन मार्च को आईएमटी चौक मानेसर से आगे नहीं जाने दिया गया।
इसमें देखने वाली बात यह है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मजदूरों को अपनी मांगों के साथ विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार भी नहीं है। देश में जनता द्वारा चुने हुए देश के प्रधानमंत्री के सामने मजदूरों को अपनी बातें रखने का अधिकार तक नहीं है।
यूनियन ने मानेसर तहसील में एस.डी.एम. गुड़गांव के मार्फ़त देश के प्रधानमंत्री को अपना ज्ञापन सौंपा। एसडीएम, गुड़गांव ने यूनियन को आश्वस्त किया कि हम आपका ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री को पहुंचा देंगे तथा आपके विवाद का एक सप्ताह के अंदर समाधान करने की कोशिश करेंगे।
यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों के ऊपर भारत सरकार के श्रम कानून लागू नहीं होते, बल्कि पूंजीपतियों ने देश में फैक्टरियों के अंदर अपनी छोटी-बड़ी सत्ताएं कायम कर रखी हैं। देश की मजदूर-मेहनतकश जनता की मेहनत के हजारों करोड़ रुपये खर्च कर मजदूरों के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। दिल्ली में लाखों मजदूरों के घरों को उजाड़ कर भारत सरकार जी-20 का गौरव हासिल कर रही है। मजदूरों की छंटनी की जा रही है। श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूर विरोधी लेबर कोड्स लागू कर मजदूरों को अधिकार विहीनता की स्थिति में धकेला जा रहा है। कौशल विकास के नाम पर अधिकारविहीन व फोकट के मजदूरों को पूंजीपतियों के आगे परोसा जा रहा है। यूनियन जी-20 की घोर निंदा करती है।
मार्च में शामिल अन्य जनसंगठनों से आए वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जी-20 के ये देश मजदूरों-मेहनतकशों के खिलाफ षड्यंत्र करते है। जी-20 के साम्राज्यवादी व पूंजीवादी देश मजदूरों-मेहनतकशों के खिलाफ उनके श्रम की लूट के लिए मजदूर विरोधी नीतियां बनाते हैं। यह जी-20 का असली चेहरा है। यूनियन ने कहा कि मजदूरों को ऐसा गौरव नहीं चाहिए जहां पर उनके हक अधिकारों को खत्म किया जा रहा हो। पूंजीपतियों को ‘रखो और निकालो’ की खुली छूट दी जा रही है। सार्वजनिक उद्यमों को कौड़ियों के भाव पूंजीपतियों के सुपुर्द किया जा रहा है। स्थाई रोजगार को खत्म कर ठेका प्रथा, नीम ट्रेनी, फिक्स टर्म एम्प्लॉयमेंट व अस्थाई आदि के तहत मजदूरों को रखने के प्रावधान को कानूनी रूप दिया गया है। लेबर कोड्स उदारीकरण की नीतियों का ही परिणाम है।
इन सब के विरोध स्वरूप बेलसोनिका यूनियन ने प्रधानमंत्री महोदय को मार्फत एस.डी.एम. गुड़गांव महोदय के द्वारा अपना ज्ञापन प्रेषित किया। यूनियन ने कहा कि उदारीकरण-निजीकरण- वैश्वीकरण की पूंजीपरस्त नीतियों के खिलाफ, खुली-छिपी छंटनी, ठेका प्रथा आदि के खिलाफ यूनियन का संघर्ष लगातार जारी रहेगा। यूनियन इससे बड़ी ताकत जुटा कर आगे अपनी आवाज को बुलंद करेगी।
इस पैदल मार्च में बेलसोनिका फैक्टरी के लगभग 200-250 मजदूरों व उनके परिवारों ने, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, मारुति स्ट्रगलिंग कमेटी, इंकलाबी मजदूर केंद्र आदि ने भागीदारी की। -गुड़गांव संवाददाता
बेलसोनिका मजदूरों का जी-20 के विरोध में पैदल मार्च
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