कठुआ, उन्नाव, हाथरस अब बस्ती........

नाबालिग के साथ बलात्कार व हत्या में भाजपा नेता शामिल

5 जून 2023 basti rape caseको उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती के गौर थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव की 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ तीन लोगों द्वारा सामुहिक दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई।

इस जघन्य अपराध में बस्ती जिले का भाजपा नेता ठाकुर कुंदन सिंह जो किसान मोर्चा मंडल का अध्यक्ष भी है, के साथ मोनू निषाद व राजन निषाद ये तीनों शामिल थे। यह दरिंदे नाबालिग लड़की के साथ तब तक दुष्कर्म करते रहे जब तक उसने दम नहीं तोड़ दिया। लड़की बजार में सब्जी खरीदने गयी थी जब देर रात तक वह घर नहीं लौटी तो खोज बीन करने पर घरवालों ने पाया कि लड़की की लाश एक घर के पीछे पड़ी है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पता चला कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। स्थानीय ग्रामीणों इस घटना से गुस्से में सड़क जाम कर अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुलिस प्रशासन द्वारा लाश का अंतिम संस्कार कराने का दबाव बनाया जाता रहा। लेकिन परिवारजन भी जब तक गिरफ्तारी नहीं होंगी तब तक दाह संस्कार नहीं करेंगे, की बात पर अड़े रहे। बाद में तीनों दरिंदों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जब से मोदी सरकार सत्ता आई है तब से महिला हिंसा-बलात्कार की घटनाओं में बाढ़ सी आ गई है। ऐसी घटनाओं में भाजपा नेता के शामिल होने की पुष्टि होते ही सरकार द्वारा पहले तो पुरजोर कोशिश होती है कि मामले की लीपा पोती कर आरोपी को बचा लिया जाय। लेकिन जनता के आंदोलन का दबाव पड़ने पर उन्हें यह कहते अक्सर पाया जाता है कि ये व्यक्ति हमारे पार्टी से निकाल दिया गया है या इस व्यक्ति ने कुछ समय पहले पार्टी छोड दी है। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है।

इस तरह की यह कोई नई घटना नहीं है जब भाजपा व संघी अपराधियों को बचाने के लिए एकजुट हो न हो। जब श्रीनगर के कठुवा में पुजारी व अन्य द्वारा 10 वर्षिय आसिफा के साथ दुष्कर्म व हत्या के खिलाफ जनता सड़क पर उतरी तो भाजपा व संघियों ने अपराधियों को बचाने के लिए तिरंगा रैली निकाली। यूपी (उन्नाव) में भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा किशोरी का जबरन बलात्कार किया गया। जब उसने इसका विरोध करने की जहमत उठाई तो पूरा परिवार जान से हाथ धो बैठा है। उसे बचाने के लिए भाजपाई संघियों द्वारा भी तिरंगा यात्रा निकाली गयी थी।हाथरस की बिटियां को कौन भूल सकता है। जब दबंगों द्वारा उसकी बलात्कार कर हत्या कर दी जाती है और योगी के पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन लाश को फूंक दिया जाता है। 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री मोदी का भाषण "महिला सशक्तिकरण " पर बिलकिस बानो के अपराधियों को छोड़ा जाना। महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़नकारी भाजपा सांसद बृजभूषण को बचाने के दमन, लाठी व गिरफ्तारी का सहारा लिया जाता है। संघी सरकार के नेताओं को कुकृत्यों व अपराधों को बचाने के लिए गोदी मीडिया मैदान में उतर चुकी है।

आज हिन्दू फ़ासीवादी रोज नित्य नई-नई घटनाओं का अंजाम दे रहे हैं ऐसे में सरकार व न्यायपालिका मुंह पर चुप्पी साध लेती है। हाँ, अगर कोई विरोधी गुट या मुस्लिम अपराधी होता है तो खुलेआम कानून को ताक पर रख कर समाज में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना व दंगा करना और नहीं तो एनकाउंटर कर देना या घरों पर बुलडोजर चलाना आज आम बात हो चुकी हैं। आज देश की सारी संस्थाएं हिन्दू फ़ासीवादियों के पक्ष में खड़ी हो चुकी हैं।

आलेख

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को