nagrik 26 10

महिला पहलवानों का जुझारू संघर्ष

भारतीय लोकतंत्र का यह अजब-गजब सूरते-ए-हाल है। आप सरकार से सूचना के अधिकार के तहत ‘क्यों’ प्रश्न किसी नीति या सूचना के सम्बन्ध में नहीं पूछ सकते हैं। ‘क्यों’ प्रश्न पूछते ही सरकार को उस नीति या तथ्य

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16 May, 2023

कृत्रिम मेधा : संभावनाएं, सीमाएं और चुनौतियां

आजकल कृत्रिम मेधा या कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स) की काफी चर्चा है। पिछले नवम्बर में CHAT GPT के आने के बाद से ही लोग इस पर जोर-शोर से बात करने लगे हैं। कुछ लोग इससे उत्साहित हैं तो कुछ भारी आशंकित। कुछ इसमें फायदा देख रहे हैं तो कुछ भारी नुकसान। कुछ तो हाल फिलहाल कृत्रिम मेधा से जुड़े हर तरह के शोध पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं। 
    

इस तरह की बातों से जाहिर है कि कृत्रिम मेधा का मामला अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच रहा है जहां से चीजें भिन्न रूप ग्रहण कर सकती हैं। जो चीज अभी दूर की कौड़ी नजर आती थी अब वह बेहद नजदीक नजर आ रही है।     
    

आलेख

भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग के साथ जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना लगातार जारी है। पहलवानों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने के बाद सुप्रीम कोर्

बेलसोनिका मजदूरों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी

गुड़गांव/ बेलसोनिका प्रबंधन के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन का संघर्ष जारी है। बेलसोनिका यूनियन दिनांक 4 मई 2023 से कंपनी गेट पर क्रमिक अनशन पर बैठी हुई है।
    

बेलसोनिका मजदूरों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी

गुड़गांव/ बेलसोनिका प्रबंधन के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन का संघर्ष जारी है। बेलसोनिका यूनियन दिनांक 4 मई 2023 से कंपनी गेट पर क्रमिक अनशन पर बैठी हुई है।
    

नगीना कालोनी बचाने को कालोनीवासी एकजुट

लालकुआं/ रेलवे द्वारा नगीना कालोनी, लालकुआं (नैनीताल) उत्तराखंड को खाली करने का नोटिस लगाये जाने के विरोध में 7 मई को नगीना कालोनी बचाओ संघर्ष समिति, लालकुआं (नैनीताल) द्वारा एक आप

मई दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

एक मईः अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस- मजदूरों के संघर्षों का प्रतीक दिवस है, जो कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन शिकागो के अमर शहीदों -अल्बर्ट पार्सन्स, आगस्त स्पाइस, एडोल्फ फिशर और जार्ज एंजिल

नगरपालिका के साम्प्रदायिक विस्तार पर जनता आक्रोशित

रामनगर/ रामनगर (नैनीताल) उत्तराखंड में नगरपालिका विस्तार के मसले पर विवाद गहरा चुका है। एक ओर चोरपानी, शिवलालपुर पांडे, शिवलालपुर रियूनिआ, गौजानी और कानिया के ग्रामीण उन्हें नगरपाल

समय पर पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान और ज्ञापन

हल्द्वानी/ उत्तराखण्ड में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली छात्रों को किताबें समय पर दिये जाने के लिये परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने 6 मई को मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्

आलेख

/izrail-lebanaan-yudha-viraam-samjhauta-sthaayi-samadhan-nahin-hai

इजरायल की यहूदी नस्लवादी हुकूमत और उसके अंदर धुर दक्षिणपंथी ताकतें गाजापट्टी से फिलिस्तीनियों का सफाया करना चाहती हैं। उनके इस अभियान में हमास और अन्य प्रतिरोध संगठन सबसे बड़ी बाधा हैं। वे स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र के लिए अपना संघर्ष चला रहे हैं। इजरायल की ये धुर दक्षिणपंथी ताकतें यह कह रही हैं कि गाजापट्टी से फिलिस्तीनियों को स्वतः ही बाहर जाने के लिए कहा जायेगा। नेतन्याहू और धुर दक्षिणपंथी इस मामले में एक हैं कि वे गाजापट्टी से फिलिस्तीनियों को बाहर करना चाहते हैं और इसीलिए वे नरसंहार और व्यापक विनाश का अभियान चला रहे हैं। 

/ek-baar-phir-sabhyata-aur-barbarataa

कहा जाता है कि लोगों को वैसी ही सरकार मिलती है जिसके वे लायक होते हैं। इसी का दूसरा रूप यह है कि लोगों के वैसे ही नायक होते हैं जैसा कि लोग खुद होते हैं। लोग भीतर से जैसे होते हैं, उनका नायक बाहर से वैसा ही होता है। इंसान ने अपने ईश्वर की अपने ही रूप में कल्पना की। इसी तरह नायक भी लोगों के अंतर्मन के मूर्त रूप होते हैं। यदि मोदी, ट्रंप या नेतन्याहू नायक हैं तो इसलिए कि उनके समर्थक भी भीतर से वैसे ही हैं। मोदी, ट्रंप और नेतन्याहू का मानव द्वेष, खून-पिपासा और सत्ता के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रवृत्ति लोगों की इसी तरह की भावनाओं की अभिव्यक्ति मात्र है। 

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

/ameriki-chunaav-mein-trump-ki-jeet-yudhon-aur-vaishavik-raajniti-par-prabhav

ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

/brics-ka-sheersh-sammelan-aur-badalati-duniya

ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।