असम के नागांव जिले के ढिंग क्षेत्र में 22 अगस्त को एक 14 वर्षीय बालिका के साथ तीन लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था। उसके अगले दिन ढिंग में लोगों ने प्रदर्शन किया। तीन आरोपियों से एक आरोपी तफ्ज़ूल इस्लाम को गिरफ्तार कर लिया। 24 अगस्त की सुबह आरोपी की तालाब में डूबकर मौत हो गयी। पुलिस का कहना है वे आरोपी को घटनास्थल पर ले कर गये ताकि केस की छानबीन आगे की जा सकें। आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गयी। पुलिस द्वारा सुनाई गई यह कहानी सन्देह से भरी हुई है।
असम के मुख्यमंत्री भी नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार को अपनी घृणित राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। चुंकि तीनों आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं इसलिए उन्होंने इस घटना के बहाने स्थानीय निवासी और बाहरी लोगों के बीच अलगाव की भावना पैदा करने की कोशिश की। उनके अनुसार जहाँ स्थानीय आबादी कम हो रही है वहां उनके साथ अपराध बढ़ रहे हैं और ये काम वो कर रहे हैं जो बाहर से (बांग्लादेश आदि से) आकर रह रहे हैं।
असम में पिछले दो महीने में रेप के 23 केस दर्ज़ किये गये हैं। और इन सबके लिए मुख्यमंत्री बाहरी लोगों विशेषकर मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराते हैं। स्थानीय आबादी को पीड़ित दिखाकर उनसे सहानुभूति दिखाते हुए अपराधियों को सबक सिखाने की बात करते हैं। अपराधी का यूं तालाब में डूब जाना शायद सबक सिखाने का ही एक रूप हो।