भगत सिंह के जन्मदिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

भगत सिंह का नाम सुनकर आज भी कोई बुजुर्ग हो अथवा महिला या नौजवान; कोई भी क्यों न हो, राह चलता एक बार को ठिठक जाता है और उनके सम्मान में अपना सिर झुका लेता है। इसका कारण अपने देश-समाज की खातिर दिया गया उनका वो बलिदान है जो कि महज 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़कर उन्होंने दिया था। 28 सितम्बर उनका जन्मदिवस होता है और इस साल उनके जन्म को 116 साल पूरे हो गये हैं लेकिन उनकी छवि आज भी एक युवा की ही है; एक ऐसे युवा की जिसका नाम न सिर्फ युवाओं में अपितु हर किसी में प्रेरणा का संचार कर देता है।
    
भगत सिंह के जीवन और उनके विचारों से प्रभावित संगठन और व्यक्ति प्रति वर्ष उनके जन्म और शहीदी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम करते हैं, लोगों को उनके क्रांतिकारी विचारों से परिचित कराते हैं और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेते हैं।
    
इस साल भी 28 सितम्बर- भगत सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर बहुत से कार्यक्रम हुये।         

परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में क्लास टू क्लास व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया और एक पुस्तिका ‘‘सुनो भगत सिंह कहते हैं’’ का वितरण किया गया। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस में आर्ट फैकल्टी में भगत सिंह स्टडी सर्किल के बैनर तले एक डिस्कशन आयोजित हुआ जिसका विषय ‘‘भगत सिंह आइडिया आफ इंडिया’’ (ठींहंज ैपदहीष्े प्कमं वि प्दकपं) था। इस दौरान भगत सिंह के महत्वपूर्ण वक्तव्यों के आलोक में देश की आज की परिस्थितियों पर चर्चा की गई।
    
डिस्कशन में छात्रों ने कहा कि भगत सिंह ने पूंजीवाद-साम्राज्यवाद के अंत और समाजवादी भारत के निर्माण का सपना देखा था लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में मिली आजादी के बाद भारत में पूंजीवाद का विकास हुआ और देश की मजदूर-मेहनतकश जनता के सपने चकनाचूर हो गये। पूंजीवाद ने ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा-शिक्षण सभी को बाजार के हवाले कर मुनाफा कमाने का माध्यम बनाकर रख दिया है। आज शिक्षा का निजीकरण जोरों पर है और विश्वविद्यालयों में लगातार फीस बढ़ाई जा रही है। नरेन्द्र मोदी की फासीवादी सरकार के कार्यकाल में तो विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिये जनवादी स्पेस भी कम होता गया है।
    
भगत सिंह के जन्मदिवस के मौके पर हरियाणा के कई शहरों में कार्यक्रम हुये। फरीदाबाद में परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज, गौंछी में छात्रों की सभा को सम्बोधित किया गया और उन्हें भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से परिचित कराया गया। नौजवान छात्रों को भगत सिंह द्वारा लिखे गये लेखों- युवक, विद्यार्थी और राजनीति, सांप्रदायिक दंगे और उनका इलाज, अछूत समस्या इत्यादि के बारे में बताया गया और पढ़ने के लिये प्रेरित किया गया।
    
गुड़गांव में इंकलाबी मजदूर केंद्र द्वारा मानेसर के काकरोला-भांगरोला गांव में प्रभात फेरी निकाली गई और नुक्कड़ सभा की गई। नुक्कड़ सभा में मजदूरों को सम्बोधित किया गया कि क्रांति से भगत सिंह का अभिप्राय मौजूदा समाज व्यवस्था का समूल अंत और मजदूर-मेहनतकश जनता के राज समाजवाद की स्थापना से था और उनका सपना आज भी अधूरा है। देश की मजदूर-मेहनतकश जनता पर पूंजीवादी शासकों का जुल्म बढ़ता जा रहा है। केंद्र की सत्ता पर काबिज हिंदू फासीवादी सरकार ने तो मजदूरों पर व्यापक हमला बोलते हुये चार नये लेबर कोड्स ही पारित कर दिये हैं। इसके अलावा बेलसोनिका कंपनी के यूनियन प्रतिनिधियों ने कंपनी गेट पर भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया।
    
कुरुक्षेत्र में शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट, जन संघर्ष मंच, निर्माण कार्य मजदूर-मिस्त्री यूनियन और मनरेगा मजदूर यूनियन ने स्थानीय शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और भगत सिंह के क्रांतिकारी मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। तदुपरान्त नगर में जुलूस निकाला गया और शहीद मदन लाल ढींगरा पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया।
    
गोहाना में जन चेतना मंच, जन संघर्ष मंच और समता मूलक महिला संगठन ने अम्बेडकर चौक से शहीद भगत सिंह पार्क तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सांप्रदायिकता और दलित उत्पीड़न जैसे मुद्दों को उठाया। 
    
इसी तरह उत्तराखंड के भी कई शहरों में इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम हुये। 
    

देहरादून में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा छात्रों के मध्य भगत सिंह के विचारों का आज के दौर में महत्व पर चर्चा की। 
    
हरिद्वार में प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, फ़ूड्स श्रमिक यूनियन, एवरेडी मजदूर यूनियन, राजा बिस्कुट संगठन व सीमेंस वर्कर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं व प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। इससे पूर्व नगर में विभिन्न जगहों पर भगत सिंह के विचारों से संबंधित पोस्टर प्रदर्शनी एवं प्रगतिशील साहित्य का स्टाल लगाया गया। इसके अलावा एवरेडी कंपनी के गेट पर भी भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया गया। 
    
काशीपुर में इंकलाबी मजदूर केंद्र,  क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के कार्यकर्ता छत्री चौराहे पर एकत्र हुये; जहां पर्चे-पुस्तिका का वितरण कर लोगों को भगत सिंह के जीवन और विचारों से परिचित कराया।
    
रामनगर में परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा स्थानीय डिग्री कालेज में पर्चे-पुस्तिका का वितरण कर छात्रों को भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से परिचित कराया गया।
    
कालाढूंगी में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, क्रांतिकारी किसान मंच और परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने उधमसिंह पार्क में एकत्र होकर शहीद भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया और भगत सिंह के विचारों पर लोगों को संगठित करने का संकल्प लिया।
    
हल्द्वानी में प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन एवं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। इससे पूर्व परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा हल्द्वानी डिग्री कॉलेज में भी भगत सिंह का जन्मदिवस मनाया गया जहां छात्रों ने भगत सिंह के विचार लिखे पोस्टरों पर संक्षिप्त नोट लिखे। इस दौरान महंगी होती शिक्षा के विरुद्ध और गरिमामय रोजगार के लिये संघर्ष करने हेतु आगे आने का आह्वान किया गया।
    
हल्दूचौड़ में परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने छात्रों के मध्य भगतसिंह के विचारों को लेकर एक डिस्कसन आयोजित किया। इसमें भगतसिंह और उनके साथ के अन्य क्रांतिकारियों के जीवन, विचार और लक्ष्य पर चर्चा की गयी।
    
रुद्रपुर में अम्बेडकर पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, मजदूर सहयोग केंद्र, सी पी आई, सी पी आई (एम एल), इंटरार्क मजदूर संगठन, रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, यजाकि वर्कर्स यूनियन, पी डी पी एल, बजाज वर्कर कर्मकार यूनियन, समता सैनिक दल, बडवे यूनियन,  सी एन जी टेम्पो यूनियन इत्यादि के कार्यकर्ताओं, प्रतिनिधियों समेत पत्रकार बंधुओं ने भी भागीदारी की।
    
सभा में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में केंद्र की सत्ता पर काबिज हिंदू फासीवादी ताकतें जनता के जनवादी अधिकारों को ख़त्म कर रही हैं। मजदूर-मेहनतकश जनता का शोषण अपने चरम पर है। सिडकुल में फैक्टरी मालिकों की मनमानी के समक्ष शासन-प्रशासन भी बौना साबित हो रहा है जिसके विरुद्ध मजदूरों को बतौर वर्ग संगठित होना होगा।
    
उ.प्र. के बदायूं में जनहित सत्याग्रह मोर्चा के तत्वाधान में शहीद पार्क में भगत सिंह का जन्मदिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ और एटक के कार्यकर्ता मौजूद रहे। 
    
बलिया में रतसड़ में इस अवसर पर विचार गोष्ठी व गढमलपुर-सहुलाई में नुक्कड़ सभा-जुलूस का कार्यक्रम क्रालोस व इमके द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। 
        -विशेष संवाददाता

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