अमेरिका एक बार फिर शटडाउन के खतरे से जूझ रहा है। 1 अक्टूबर से अमेरिका में नया वित्तीय वर्ष शुरू होना है और खर्चे संदर्भी बजट अगर 30 सितम्बर की मध्य रात्रि तक पारित नहीं हुआ तो अमेरिका को शटडाउन का शिकार होना पड़ेगा। इसके तहत अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर बाकी सरकारी काम-काज ठप पड़ जायेंगे। ढेरों कर्मचारी सरकारी भुगतान से वंचित हो जायेंगे व सरकारी राहत पाने वाले राहत से वंचित हो जायेंगे।
इस शटडाउन की स्थिति तक अमेरिका इस वजह से वजह से पहुंचा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन के हाथ में सत्ता है पर अमेरिकी कांग्रेस में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। रिपब्लिकन पार्टी के नेतागण सरकार द्वारा प्रस्तावित 1.39 ट्रिलियन डालर के सालाना खर्च में 120 अरब डालर की कटौती की मांग कर रहे हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के स्पीकर का पद रिपब्लिकन पार्टी के मैकार्थी के पास है। सरकार व मैकार्थी बजट तय समय सीमा से पारित कराने को प्रयासरत हैं पर रिपब्लिकन पार्टी के नेता स्पीकर को भी हटाने की धमकी दे रहे हैं।
रिपब्लिकन पार्टी के नेता अमेरिका द्वारा यूक्रेन को युद्ध में की जा रही मदद का समय-समय पर विरोध जताते रहे हैं। वह बाइडेन पर इस फालतू खर्च को बंद करने का दबाव बनाते रहे हैं। हालांकि रूस के संदर्भ में दोनों पार्टियों की नीतियों में कोई फर्क नहीं है और रिपब्लिकन पार्टी युद्ध में खर्च का विरोध अमेरिकी जनता में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ही कर रही है।
इसी तरह रिपब्लिकन पार्टी के नेता अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर कठोरता बढ़ाने की मांग करते रहे हैं। इस मामले में जहां रिपब्लिकन पार्टी चाहती रही है कि दोनों देशों की सीमाओं को बंद कर दिया जाए ताकि मैक्सिको की गरीब आबादी सीमा पार कर अमेरिका में न आ सके वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता सीमा को जरूरत के अनुरूप ढीला व कठोर करते रहे हैं। इससे अमेरिका को काम की अधिकता के वक्त सस्ते मैक्सिको के मजदूर तो हासिल होते ही हैं साथ ही इससे अमेरिकी मजदूरों की मजदूरी गिराने में भी मदद मिलती रही है।
अब दोनों दलों में बजट कटौती का मसला उस मोड़ तक पहुंच गया है कि अमेरिका शट डाउन की ओर जा सकता है। दोनों दल एक दूसरे को सम्भावित शट डाउन का दोषी ठहराने लगे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता शटडाउन को रिपब्लिकन शटडाउन करार देते हुए इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी को दोषी ठहरा रहे हैं। वे लाखों राहत पाने वाले लोगों के खर्च रुकने का हवाला दे विपक्षी दल को कोस रहे हैं तो रिपब्लिकन नेता युद्ध के नाम पर अमेरिकी करदाताओं के पैसे के फालतू खर्च होने का हवाला दे रहे हैं।
अगर शटडाउन लागू होता है तो 13 लाख सैनिकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों का वेतन रुक जायेगा। रेटिंग एजेंसी ने दावा किया है कि शटडाउन अमेरिकी सरकार की AAA क्रेडिट रेटिंग पर नकारात्मक असर डालेगा। 30 सितम्बर को इस मसले पर कांग्रेस में मतदान होना है। उम्मीद इसी की अधिक है कि कुछ दबाव बनाने के बाद रिपब्लिकन पार्टी बजट पास होने देगी।
यदि शटडाउन की स्थिति पैदा होती है तो बाइडेन को 2024 के चुनाव में जनता का गुस्सा झेलना पड़ सकता है।
अमेरिका और शटडाउन का खतरा
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आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
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7 नवम्बर : महान सोवियत समाजवादी क्रांति के अवसर पर
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को