गुड़गांव/ 23 सितम्बर 2023 को ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार, हरियाणा ने बेलसोनिका यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। इस तरह श्रम विभाग ने हरियाणा में जुझारू संघर्ष करने वाली एक यूनियन पर हमला बोल समूचे मजदूर वर्ग पर हमला बोला है। हरियाणा सरकार व श्रम विभाग ने इस हमले के जरिये मजदूर वर्ग को चेतावनी दी है कि जो भी जुझारू व्यवस्था विरोधी संघर्ष की राह पकड़ेगा, उसके साथ यही सलूक किया जायेगा।
बेलसोनिका यूनियन ने भी शासन-श्रम विभाग की चेतावनी स्वीकार करते हुए ऐलान किया है कि रजिस्ट्रेशन रद्द करने से बेलसोनिका मजदूरों की एकता व संघर्ष का जज्बा समाप्त नहीं होने वाला है। विभिन्न यूनियनों-मजदूर संगठनों ने हमले के विरोध में बयान जारी किये तो गुड़गांव में इसके खिलाफ सड़कों पर भी मजदूर प्रतिरोध दर्ज करा रहे हैं।
26 सितम्बर को बेलसोनिका यूनियन और मारुति सुजुकी मजदूर संघ ने संयुक्त रूप से उक्त हमले के खिलाफ राजीव चौक से लघु सचिवालय, गुड़गांव तक जुलूस निकाला और उपायुक्त गुड़गांव के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा को ज्ञापन सौंपा।
गौरतलब है कि इससे पहले 2022 में ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार हरियाणा ने बेलसोनिका प्रबंधन की शह पर बेलसोनिका यूनियन को एक ठेका मजदूर को यूनियन की सदस्यता देने के कारण यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के संदर्भ में एक नोटिस दिया था। यूनियन ने इस संबंध में अपना पक्ष रखा कि उनकी यह कार्रवाई ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 और यूनियन के संविधान के तहत सही है। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार हरियाणा सरकार यूनियन के जवाब से सहमत नहीं हुआ और उसने दिसम्बर 2022 में कारण बताओ नोटिस जारी किया और यूनियन को 60 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा। यूनियन ने ठेका मजदूर की सदस्यता को अस्थाई रद्द कर ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार को 2 माह के भीतर अपना जवाब दे दिया।
इसके साथ ही पहले, ठेका मजदूर जिनको सदस्यता दी थी और फिर बेलसोनिका यूनियन ने इस संदर्भ में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई है। इस याचिका के संबंध में हाईकोर्ट ने ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार हरियाणा और प्रबंधन को भी नोटिस दिया था जिसकी तारीख 25 सितंबर 2023 थी। पर इस बीच ही ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने 23 सितंबर शनिवार को छुट्टी के दिन प्रबंधन की मुराद पूरी करते हुए बेलसोनिका यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया।
विरोध प्रदर्शन और जुलूस में बेलसोनिका प्रबंधन और ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए और जुलूस के बाद लघु सचिवालय गुड़गांव में एक सभा की गई जिसमें सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह कार्रवाई गैरकानूनी है और मजदूरों के ट्रेड यूनियन बनाने के अधिकार पर हमला है। यह हमला न सिर्फ बेलसोनिका यूनियन पर बल्कि यूनियनों पर हमले की एक शुरूआत है जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। वक्ताओं ने कहा कि एक ठेका मजदूर को यूनियन की सदस्यता देना, ठेका मजदूर और यूनियन का अधिकार है और इस कारण यूनियन का पंजीकरण रद्द करना शासन-प्रशासन और प्रबंधन की मिलीभगत को दिखाता है। वक्ताओं ने कहा रजिस्ट्रार ऑफिस ने यूनियन का पंजीकरण रद्द किया है वह यूनियन को रद्द नहीं कर सकता। मजदूरों की यूनियन उनकी एकता और मजबूती से बनती है। यदि मजदूरों की एकता मजबूत है तो हम दोबारा से यूनियन का पंजीकरण बहाल करवाएंगे। यदि प्रशासन और प्रबंधन यह समझता है कि वह यूनियन के पंजीकरण को रद्द कर यूनियन को कमजोर या खत्म कर देगा तो यह उसकी गलतफहमी है। बेलसोनिका के मजदूरों की एकता अभी भी कायम है और यह इन्होंने इस प्रर्दशन में दिखा दिया है। बेलसोनिका के मजदूर न सिर्फ अपने अधिकारों के लिए बल्कि आईएमटी मानेसर सहित अन्य मजदूरों के अधिकारों और अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी एकता प्रदर्शित करते रहे हैं।
वक्ताओं ने कहा कि हम सभी मिलजुल कर प्रशासन और प्रबंधन के इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे और आने वाले समय में अपनी एकता को मजबूत कर इस क्षेत्र में मजदूरों पर हो रहे हमलों के खिलाफ लड़ाई को तेज करेंगे।
सभा को बेलसोनिका यूनियन सहित मारुति सुजुकी मजदूर संघ की अन्य यूनियनों जैसे मारुति उद्योग कामगार यूनियन गुड़गांव, मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन मानेसर, सुजुकी आटो इंडिया इम्प्लाइज यूनियन आदि, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, मारुति प्रोविजनल कमेटी के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि :-
1. यूनियन के पंजीकरण को तत्काल बहाल किया जाए।
2. यूनियन पंजीकरण को रद्द करने पर ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
3. नौकरी से बर्खास्त सभी मजदूरों को तत्काल वापस लिया जाए।
4. फर्जी दस्तावेज का बहाना बनाकर की जा रही छंटनी पर रोक लगाई जाए।
5. सभी लंबित सामूहिक मांग पत्रों का सम्मानजनक समाधान निकाला जाए।
जुलूस प्रदर्शन में बेलसोनिका यूनियन के मजदूरों और मारुति सुजुकी मजदूर संघ की यूनियनों के प्रतिनिधियों, मारुति प्रोविजनल कमेटी, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
-गुड़गांव संवाददाता
तुम हमारा यूनियन पंजीकरण रद्द कर सकते हो, लेकिन हमारी यूनियन नहीं -बेलसोनिका यूनियन
ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 में पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों प्रकार की यूनियनों को मान्यता देने की बात लिखी हुई है। भारत के संविधान में पंजीकृत व अपंजीकृत दोनों तरह के संगठनों को स्वीकार किया गया है और अपंजीकृत संगठनों को भी संवैधानिक मान्यता प्राप्त है।
उपरोक्त बातें हम इसलिए कह रहे हैं कि ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार चंडीगढ़, हरियाणा सरकार ने शनिवार को छुट्टी के दिन अपना कार्यालय खोल कर हमारी यूनियन के पंजीकरण को रद्द कर दिया है। जबकि इस मामले को लेकर यूनियन की सदस्यता से निलम्बित ठेका मजदूर तथा यूनियन दोनों के अलग-अलग केस में माननीय उच्च न्यायालय चंडीगढ़ से प्रबंधन व श्रम विभाग को नोटिस हो चुके हैं। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने प्रबंधन के पत्र के बाद ही यूनियन के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की थी और माननीय उच्च न्यायालय के नोटिस का जवाब देने की जगह पर यूनियन के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया। श्रम विभाग ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह प्रबंधकों के इशारों पर काम करते हैं और इसके लिए वह कानून से परे जाकर भी प्रबंधन की सेवा में लीन हैं।
साथियो, प्रबंधन व यूनियन के बीच पिछले ढाई साल से संघर्ष चला हुआ है। प्रबंधन चाहता है कि बड़ी संख्या में स्थाई व पुराने ठेका श्रमिकों की छंटनी की जा सके। प्रबंधन हमारी संख्या को कम करना चाहता है और यूनियन अपनी संख्या को बढ़ाना चाहती है। यूनियन प्रबंधन की छंटनी के खिलाफ एकता व ईमानदारी के साथ संघर्ष को आगे बढ़ा रही है।
साथियो, हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि यूनियन का मतलब हमारी एकता है। अगर श्रम विभाग गैर कानूनी तरीके से यूनियन का पंजीकरण रद्द कर सकता हैं तो हम मजदूर इस चुनौती का अपनी फौलादी एकता से मुंहतोड़ जवाब देंगे। अगर कागजी कार्रवाई को प्रबंधन और प्रशासन ने मखौल में तब्दील कर दिया है तब हम मजदूर संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एकता को मुकम्मल करेंगे और मजबूत करेंगे। हिताची, फ्रीडनबर्ग के मजदूर आंदोलन से समझ हासिल करते हुए और मजबूत करेंगे। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार चंडीगढ़ ने यूनियन का पंजीकरण रद्द किया है, यूनियन को रद्द नहीं किया है। पंजीकरण के लिए यूनियन कानूनी तौर पर सभी आवश्यक कार्रवाहियां कर रही है। सभी साथियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वह पहले की भांति यूनियन के आदेशों की प्रतीक्षा करें व उनका पूर्णता के साथ पालन करें।
साथियो, यूनियन पंजीकरण भी हमने संघर्ष से ही हासिल किया था और इसको दोबारा भी संघर्ष से हासिल करेंगे। सभी साथी प्रबंधन व श्रम विभाग के प्रति अपने गुस्से को संजोकर रखें। किसी भी तरह की अफवाह में ना आए व भड़काऊ कार्यवाही से बचें। हम एक स्वर में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
यूनियन सभी मजदूर यूनियनों, मजदूर संगठनों, ट्रेड यूनियनों, किसान संगठनों, छात्र संगठनों, महिला संगठनों व न्यायप्रिय जनता से अपील करती है कि बेलसोनिका यूनियन के संघर्ष के साथ खड़े हों।
यह मजदूरों के ट्रेड यूनियन अधिकारों पर सीधा हमला है -इंक़लाबी मजदूर केंद्र
ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार, हरियाणा द्वारा बेलसोनिका यूनियन, मानेसर (गुड़गांव) का रजिस्ट्रेशन रद्द किये जाने की कार्यवाही की इंकलाबी मजदूर केंद्र कड़ी भर्त्सना करता है। बेलसोनिका प्रबंधन के इशारे पर की गई यह कार्यवाही ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 एवं संविधान के आर्टिकल-19 का खुला उल्लंघन है। यह मजदूरों के ट्रेड यूनियन अधिकारों पर सीधा हमला है साथ ही ठेका मजदूरों से उनके संगठित होने के संविधान प्रदत्त अधिकार को भी उनसे छीनता है।
यहां यह भी गौरतलब है कि ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने इस कार्यवाही को उस समय अंजाम दिया है जबकि मामला हाईकोर्ट में लंबित है और रजिस्ट्रार महोदय को भी जिसका नोटिस प्राप्त हो चुका है, लेकिन उन्होंने नोटिस का जवाब देने के बजाय हाईकोर्ट को ही अपने ठेंगे पर रख दिया और 23 सितम्बर को छुट्टी के दिन अपना दफ्तर खुलवा कर यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। यह दिखलाता है कि मौजूदा मोदी-खट्टर की डबल इंजन की सरकार में आज किस तानाशाही पूर्ण तरीके से मजदूरों के अधिकारों को कुचला जा रहा है।
बेलसोनिका का प्रबंधन कंपनी में स्थायी मजदूरों की बड़े पैमाने पर छंटनी करना चाहता है और उनके स्थान पर ठेके, नीम ट्रेनी, फिक्स्ड टर्म एम्प्लायमेंट इत्यादि के जरिये अधिकारविहीन मजदूरों की भर्ती कर उनका निर्मम शोषण करना चाहता है, जिसके विरुद्ध यूनियन लम्बे समय से संघर्ष कर रही है। इतना ही नहीं जिन चार घोर मजदूर विरोधी लेबर कोड्स की रोशनी में प्रबंधन मजदूरों पर हमला बोले हुये है, यूनियन लगातार उन लेबर कोड्स को भी रद्द करने की मांग कर रही है और इस हेतु कई प्रदर्शन आयोजित कर चुकी है।
बेलसोनिका यूनियन औद्योगिक क्षेत्र की एक जिंदा यूनियन है, जो कि न सिर्फ स्थायी मजदूरों अपितु ठेका मजदूरों के अधिकारों के लिये भी संघर्ष करती है और अन्य फैक्टरियों के संघर्षरत मजदूरों का भी साथ देती है। किसान आंदोलन का भी यूनियन ने बढ़ चढ़कर समर्थन किया था। इतना ही नहीं केरल में बाढ़ आपदा से लेकर कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद करने में भी बेलसोनिका यूनियन ने बढ़ चढ़कर अपनी सामाजिक भूमिका का निर्वाह किया था।
इन्हीं सब कारणों से सरकार से लेकर श्रम विभाग के अफसर और पूंजीपति सभी बेलसोनिका यूनियन के विरुद्ध लगातार षड्यंत्र कर रहे हैं। यूनियन को पालतू बनाने में असफल होने पर अब ये उसे खत्म कर देने पर उतारू हैं जिसका बेलसोनिका यूनियन निश्चित ही मुंहतोड़ जवाब देगी। इंकलाबी मजदूर केंद्र विभिन्न मजदूर संगठनों और फैक्टरी यूनियनों का आह्वान करता है कि संघर्ष में बेलसोनिका मजदूरों का साथ दें और संघर्ष को व्यापक बनाएं।
बेलसोनिका यूनियन के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की साजिश नहीं चलेगी -मजदूर सहयोग केन्द्र
हरियाणा सरकार के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार द्वारा बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने की घोषणा आज मजदूर आंदोलन पर चल रहे मालिक और सरकार की साझी साजिश का शर्मनाक उदाहरण है। ठेका मजदूरों को यूनियन की सदस्यता देने के आधार पर यूनियन का पंजीकरण रद्द करने का यह कदम यूनियन बनाने और चलाने के मजदूरों के मूलभूत अधिकार पर हमला है।
यह साफ है कि यह कार्यवाही पिछले ढाई सालों से मजदूरों की छंटनी के खिलाफ चलाये जा रहे संघर्ष को तोड़ने के लिए बेलसोनिका प्रबंधन के इशारों पर चलायी गई है। बेलसोनिका यूनियन लगातार मजदूर हितों के पक्ष में अपनी कंपनी व देश के व्यापक मजदूर आंदोलन में एक सक्रिय और संघर्षशील ताकत बन कर खड़ा रहा है। मजदूरों की इसी ताकत को तोड़ने के लिए प्रबंधन ने श्रम विभाग का सहारा ले कर यह प्रहार किया है। मजदूर सहयोग केंद्र इस आघात की घड़ी में मजबूती से बेलसोनिका यूनियन के साथ खड़ा है और खड़ा रहेगा।
बेलसोनिका यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द करना अत्यंत निंदनीय और मजदूर एकता तोड़ने का मजदूर विरोधी कदम -जन संघर्ष मंच
हरियाणा के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण को रद्द करके खुले तौर पर दिखा दिया है कि वह और उनका श्रम विभाग मालिकों के हाथों मजदूरों की बढ़ती एकता और आंदोलन को कुचलने का औजार भर है। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार का यह मजदूर विरोधी कदम अत्यंत निंदनीय व शर्मनाक है। बेलसोनिका का मालिक व उसका पिट्ठू ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार स्थाई व ठेका मजदूरों की बढ़ती एकता से डर गया है। इसलिए उसने न्याय के तमाम उसूलों को दरकिनार करके बेलसोनिका यूनियन के पंजीकरण रद्द करने का फरमान जारी किया है। बेलसोनिका यूनियन द्वारा ठेका मजदूरों को यूनियन की सदस्यता देने के आधार पर यूनियन का पंजीकरण रद्द करने का यह कदम यूनियन बनाने और चलाने के मजदूरों के मूलभूत अधिकार पर हमला है।
बेलसोनिका यूनियन के नेतृत्व में सभी मजदूर छंटनी के खिलाफ संघर्ष चला रहे हैं इसलिए ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने बेलसोनिका प्रबंधन के इशारों पर यह कार्रवाई की है। बेलसोनिका यूनियन लगातार मजदूर हितों के पक्ष में अपनी कंपनी व देश के व्यापक मजदूर आंदोलन में एक सक्रिय और संघर्षशील ताकत बन कर खड़ी रही है। जन संघर्ष मंच, हरियाणा ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार, हरियाणा के इस मजदूर विरोधी हमले का कड़ा विरोध करता है और इसके खिलाफ संघर्ष में बेलसोनिका यूनियन के साथ एकजुटता व्यक्त करता है।