
सिर्फ मेरे अकेले की लड़ाई नहीं है।
जुल्म, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ,
मैं जब निकलूं जुल्मी से जंग लड़ने,
उसको भी आना होगा तुमको भी आना होगा।
बेशक झूठ ताकतवर है कलियुग है
भ्रष्ट हो चुकी राजशाही है।
बहन-बेटियां भी अब सुरक्षित नहीं,
अंकिता सी कितनी बहनों ने इसकी सजा पाई है।
कहां सुरक्षित बेटा है भट्ठियों में जलाया जाता है।
रोजगार की तलाश मैं हाकिमों से मात खाता है।
युवा जिसके मजबूत कंधों पर भविष्य है
राज्य और राष्ट्र का।
वो क्यों नहीं तोड़ पा रहा तिलिस्म
आज अंधे धृतराष्ट्र का।
आओ भगत सिंह को अपना आदर्श बनाकर
जवानी का हक अदा करते हैं।
हम करके सवाल इन जुल्मी हुक्मरानों से
देश का नमक अदा करते हैं।
-उत्तम सिंह बिष्ट
आटो लाइन एम्प्लोईज यूनियन, रुद्रपुर