वेनेजुएला का गहराता आर्थिक-राजनैतिक संकट

    फरवरी माह में वेनेजुएला में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पन्द्रह लोगों की जान चली गयी और सैकड़ों घायल हुए हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य तौर पर छात्र-युवा कर रहे हैं।<br />
    वेनेजुएला में लोकप्रिय नेता ह्यूगो शावेज की मौत के बाद से उथल-पुथल मची हुयी है। ह्यूगो शावेज के स्थान पर निर्वाचित हुए राष्ट्रपति निकोलस मुडरो को चुनाव जीतने के साथ अपने शासन को स्थापित करने में विपक्षी पार्टियों सहित अमेरिकी साम्राज्यवाद के द्वारा पैदा की गयी अड़चनों का सामना करना पड़ा है। वैसे तो ह्यूगो शावेज को भी अमेरिकी साम्राज्यवाद के द्वारा पैदा की गयी समस्याओं और यहां तक कि तख्ता पलट का भी सामना करना पड़ा था। ह्यूगो शावेज की असामायिक मृत्यु ने उनके विरोधियों और अमेरिकी साम्राज्यवाद के हौसलों को बुलंद कर दिया है।<br />
    ह्यूगो शावेज ने वेनेजुएला की तेल व प्राकृतिक गैस सम्पदा के दम पर वेनेजुएला में ऐसी आर्थिक नीतियों की नींव रखी थी जो अपने रूप में समाजवादी होने का भ्रम पैदा करती थीं। वस्तुतः वेेनेजुएला एक पूंजीवादी समाज ही बना रहा परंतु स्वयं उन्होंने अपनी नीतियों को ‘इक्कीसवी सदी के समाजवाद’ के रूप में पेश किया। कुछ निजी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण खासकर तेल कंपनी का और जनता के लिए कुछ राहत कार्यक्रम चलाकर उन्होंने बेहद लोकप्रियता हासिल की। अमेरिकी साम्राज्यवाद का मुखर रूप से विरोध करने के कारण उनकी लोकप्रियता और बढ़ी। परंतु उनका यह ‘पेट्रो समाजवाद’ उस दिशा में बढ़ने को अभिशप्त था जिसमें आज वह पहुंच गया है।<br />
    आज वेनेजुएला भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। वैश्विक आर्थिक संकट के साथ-साथ यह और भी गहराता गया है। आज वेनेजुएला में मुद्रास्फीती 56 फीसदी तक जा पहुंची। सरकारी नियंत्रण के बावजूद वेनेजुएला की मुद्रा का अवमूल्यन जारी है। खाने-पीने की चीजों का अभाव बना हुआ है। सरकार ने जहां एक डालर की कीमत 11 बोलीवार तय की हुयी वहां ब्लैक मार्केंट में 80 बोलीवार पहुंच चुकी है। बिजली की कमी के कारण पावर ब्लैक आउट की समस्या आम है। इसके साथ में वेनेजुएला में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। हत्याएं आम हैं।<br />
    ह्यूगो शावेज के करीब 1000 कंपनियों के राष्ट्रीयकरण का उनके समय में तीव्र विरोध कंपनियों के मालिकों और अभिजात मजदूरों के एक समूह द्वारा किया गया था परंतु उनकी मृत्यु के बाद अमेरिकी साम्राज्यवाद की शह पाकर ये सभी शक्तियां मुखर हो गयी हैं। छात्र और युवा सड़कों पर इन शक्तियों को अभिव्यक्त कर रहे हैं। पूंजीवाद समर्थक से लेकर अराजकतावादी तक विभिन्न सोच और विचार वाले ये छात्र-युवा मुख्यतः मंहगाई और अपराधों पर काबू करने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका सहित पश्चिमी साम्राज्यवाद के अन्य देश इनकी पीठ थपथपा रहे हैं। वेनेजुएला की सरकार के स्थिति में काबू पाने के सारे प्रयास को अमेरिका समर्थित विपक्षी नेता हेनरिक केप्रिलिस विफल बनाने में जुटे हुए हैं। उनके हाथ सत्ता पिछले चुनाव में आते-आते रह गयी थी।<br />
    इस सबके बीच अमेरिकी साम्राज्यवाद और वेनेजुएला की सरकार के रिश्ते तल्ख होते चले गये हैं। पहले वेनेजुएला की सरकार ने तीन अमेरिकी राजनायिकों को निकाला और फिर अमेरिका ने वेनेजुएला के तीन राजनायिकों को अबांछित घोषित कर दिया। अमेरिकी साम्राज्यवादी वेनेजुएला को पुनः अपने प्रभाव में लाना चाहते हैं। इसके लिए वे ह्यूगो शावेज के समय से ही एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे। अब उन्हें लग रहा है कि वर्तमान आर्थिक-राजनैतिक संकट को भड़का कर वे मुडरो को सत्ताच्युत कराने में सफल होंगे। मुडरो को सत्ता से वे जब चुनाव में बेदखल करने में सफल नहीं हुए तो वे अब दूसरा वह रास्ता अपना रहे हैं जो उन्होंने लीबिया, सीरिया, यूक्रेन आदि में अपनाने की कोशिश की है। यद्यपि यह भी बड़ी मजेदार बात है कि वेनेजुएला के 2012 के राष्ट्रपति चुनाव को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने पूरी दुनिया में सबसे अधिक लोकत्रांतिक चुनाव घोषित किया था।<br />
    वेनेजुएला की समस्यायें एक पूंजीवादी समाज की समस्यायें हैं। समाज को मात्र समाजवादी नाम देने से वह समाजवादी समाज नहीं बन जाता है। बुनियादी सवाल समाज में मौजूद उत्पादन सम्बंधों को बदलने और पूरी सामाजिक व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन का होता है। राष्ट्रीयकरण की चंद नीतियों या देशी-विदेशी पूंजी का नियत्रंण से एक संरक्षित राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बनायी जा सकती है जो कुछ लोक कल्याणकारी कार्य करती हो। इसमें मुख्य भूमिका तेल व प्राकृतिक गैस से प्राप्त होने वाली आय की थी। वेनेजुएला के सकल घरेलू उत्पाद में तेल के निर्यात से प्राप्त होने वाली आय का हिस्सा पचास फीसदी से अधिक है और यह कुल निर्यात का 95 फीसदी है। और यहां तक भी बात ध्यान में रखने की है कि अमेरिका व वेेनेजुएला के बीच भारी तल्खी के बावजूद वेनेजुएला सबसे अधिक निर्यात लगभग 40 प्रतिशत अमेरिका को ही करता है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा तेल का ही है। वेनेजुएला सबसे अधिक आयात भी अमेरिका से ही करता है। इस तरह से अमेरिका और वेनेजुएला गहरे आर्थिक सम्बंधों में बंधे हुए हैं। यह स्थिति ह्यूगो शावेज और मुडरो के अमेरिकी साम्राज्यवाद के मुखर विरोध के बावजूद है।<br />
    ह्यूगो शावेज का वास्तव में समाजवाद से कोई लेना-देना नहीं था और यही बात मुडरो के ऊपर भी लागू होती है। वेनेजुएला के समाज में वर्तमान संकट का समाधान वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था के ध्वंस और वास्तविक समाजवाद कायम करने में निहित है।

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