चूड़ी जुड़ाई मजदूरों की दशा
फिरोजाबाद/ फिरोजाबाद शहर में चूड़ी उत्पादन प्रक्रिया में नियोजित/कार्यरत चूड़ी जुड़ाई मजदूरों को चूड़ी जुड़ाई कार्य हेतु केरोसिन मिट््टी का तेल सेवायोजकों द्
फिरोजाबाद/ फिरोजाबाद शहर में चूड़ी उत्पादन प्रक्रिया में नियोजित/कार्यरत चूड़ी जुड़ाई मजदूरों को चूड़ी जुड़ाई कार्य हेतु केरोसिन मिट््टी का तेल सेवायोजकों द्
हरिद्वार/ दिनांक 27 मई को स्नो पैक कम्पनी नियर अम्बेडकर चौक, बाहदराबाद औद्योगिक क्षेत्र, हरिद्वार में सुबह 8.30 बजे भगवान दयाल नामक मजदूर की मशीन में इमर
हरिद्वार/ शिवम् आटो कम्पनी सिडकुल हरिद्वार के डेसो चौक वाले क्षेत्र में स्थित है जो हीरो व महेंद्रा के लिए पुर्जे निर्माण करती है। इसमें लगभग 800 के आस-प
बरेली/ लगातार बढ़ती बेरोजगारी नौजवानों को निराशा व पस्तहिम्मती में ढकेल रही है। बरेली शहर में इसी तरह के बेरोजगार घर, मकान, जेवर गिरवी रखकर कर्ज लेकर आटो
दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र, नरेला औद्योगिक क्षेत्र व हरियाणा के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में मई महीने में लगातार आग लगने की घटनाएं होती रहीं और कथित लोकतंत्र का पर्व
गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर वे अगले 5 वर्षों में पूरे देश में एक साथ चुनाव करायेंगे व साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। सुनने में पहली नजर
महाराष्ट्र के पुणे में 18 मई की रात को एक नाबालिग (17 साल 4 महीने) लड़के ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो लोगों (एक युवक और एक युवती) को तेज स्पीड से टक्कर मार दी।
कभी-कभी कुछ रोचक घटनाएं हो जाती हैं। चुनावों के दौरान मोदी ने टीवी समाचार चैनलों तथा अखबारों को धड़ाधड़ साक्षात्कार दिये। इन्हीं में से किसी में उनसे यह पूछ लिया गया कि उन्
गुड़गांव/ दिनांक 19 मई 2024 को बेलसोनिका यूनियन के नेतृत्व में मजदूर लघु सचिवालय गुरुग्राम पर इकट्ठा हुए। मजदूर बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा दिनांक 15 मई 2024
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को