महावीर प्लाई में हादसा
उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में परसा खेडा क्षेत्र है। यह फैक्टरी एरिया है। यहां लगभग 200 से 250 फैक्टरी होंगी। इसी क्षेत्र में रोड न.
उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में परसा खेडा क्षेत्र है। यह फैक्टरी एरिया है। यहां लगभग 200 से 250 फैक्टरी होंगी। इसी क्षेत्र में रोड न.
देश में औद्योगिक क्षेत्रों में लग रही आग का सिलसिला रुक नहीं रहा है। इसी कड़ी में गुड़गांव में दौलताबाद इंडस्ट्रियल एरिया में फायर एंड पर्सनल सेफ्टी इंटरप्राइजेज़ में आग लग
दुनिया भर में राजनैतिक-सामरिक उथल पुथल तेज होती जा रही है। दुनिया तेजी के साथ युद्धों को तेज करने की ओर बढ़ती जा रही है। इटली में साम्राज्यवादी देशों जिसकी अगुवाई अमरीकी स
1 जुलाई 2024 से देश में नये अपराधिक कानून लागू हो जायेंगे। बीते वर्ष अगस्त 23 में जब गृहमंत्री अमित शाह ने इनसे जुड़े तीन विधेयक संसद में पेश किये थे तो कहा था कि इन नये क
नीट परीक्षा पर छात्रों-युवाओं के बढ़ते आक्रोश ने इसे देशव्यापी बहस का मसला बना दिया है। लाखों छात्रों के भविष्य से हुए खिलवाड़ की आंच देश की संसद से लेकर सड़क तक हर ओर दिखाई
बारम्बार परीक्षाओं के पेपर लीक होने व नीट की परीक्षा में धांधली पर पूरे देश में छात्रों-युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जगह-जगह अपने भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने
पिछले 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव की मतगणना समाप्त हुई नतीजतन छक्। गठबंधन को जिसमें भाजपा सहित छोटे-मोटे दल तथा क्षेत्रीय पार्टियां मिलकर 38 दल हैं वह 293 सीट प्राप्त करने
इंकलाबी मजदूर केन्द्र के एक कार्यकर्ता की बातचीत एक खुशी नाम की महिला से होती है।
रेलवे को भारत की जीवन रेखा कहा जाता है। रेलवे भारत में सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र है। अगर रोजगार की बात छोड़ भी दें तो रेलवे गरीब मेहनतकशों के यातायात का सस्
जब से इजरायल द्वारा गाजा में भीषण नरसंहार शुरू हुआ है तब से भारतीय शासकों की इजरायल के प्रति पक्षधरता किसी से छिपी नहीं है। भारत के केन्द्र में काबिज संघ-भाजपा इजरायल के
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को