मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के विरोध में 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियन फेडरेशनों द्वारा आहूत ग्रामीण बंद एवं औद्योगिक हड़ताल को व्यापक समर्थन हासिल हुआ। भारत बंद का आह्वान सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिये जाने, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज करने, सरकारी-सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, मजदूर विरोधी नये लेबर कोड्स रद्द करने, नये आपराधिक कानूनों को वापस लेने, ठेका प्रथा खत्म करने इत्यादि मांगों के साथ किया गया था। इसके अलावा मजदूर-किसान संगठन मोदी सरकार की सांप्रदायिक विभाजन की घिनौनी राजनीति एवं फासीवादी तानाशाही कायम करने की कोशिशों का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
भारत बंद के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं सीटू के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला। जबकि फरीदाबाद में इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया; तदुपरान्त संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल द्वारा आहूत सभा में भागीदारी की गयी। इसके अलावा गुड़गांव में ट्रेड यूनियन काउंसिल एवं किसान मोर्चा के नेतृत्व में कमला नेहरू पार्क में सभा की गई; उसके बाद लघु सचिवालय पर जारी बेलसोनिका मजदूरों के धरना स्थल तक जुलूस निकाला गया।
इस दौरान हरिद्वार में सिडकुल में सभा की गई। इसके अलावा सिंह द्वार से तहसील तक जुलूस निकाला गया; तदुपरान्त अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया।
जुलूस, विरोध-प्रदर्शन, ज्ञापन में इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, जन अधिकार संगठन, संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा, एवेरेडी मजदूर यूनियन, फ़ूड्स श्रमिक यूनियन (आई टी सी), सीमेंस वर्कर्स यूनियन (सी एंड एस इलेक्ट्रिक लिमिटेड), राजा बिस्कुट मजदूर संगठन एवं एच एन बी के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
काशीपुर में क्षत्री चौराहे पर विरोध प्रदर्शन कर मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया, जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, प्रगतिशील भोजन माता संगठन एवं भारतीय किसान यूनियन (उग्रहां) के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
इस मौके पर रामनगर में बाइक रैली निकाली गई। रैली रामनगर बाजार में घूमते हुये पीरुमदारा पहुंची तदुपरान्त हाथी डंगर, बांसीटीला, सेमलखलिया, सावल्दे और ढेला होते हुये वापस कानिया आकर खत्म हुई। रैली में किसान संघर्ष समिति, समाजवादी लोक मंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी एवं महिला एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।
रुद्रपुर में जुलूस के साथ विशाल सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सिडकुल संयुक्त मोर्चा, इंकलाबी मजदूर केंद्र, मजदूर सहयोग केंद्र, एक्टू, मासा, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), आशा वर्कर्स यूनियन एवं पी डी पी एल, जायडस, लुकास टीवीएस, इंट्रार्क, राने मद्रास की यूनियनों, सी एन जी टेम्पो यूनियन तथा भाकपा व भाकपा (माले) इत्यादि के कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में मजदूरों-किसानों ने भागीदारी की।
बरेली में दामोदर स्वरूप पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें इंकलाबी मजदूर केन्द्र, एटक, इंटक, सीटू, क्रान्तिकारी किसान मंच, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रान्तिकारी लोक अधिकार संगठन, किसान एकता संघ, उ.प्र.खेत मजदूर यूनियन, आटो टेम्पो चालक वेलफेयर एसोसिएशन, आल इंडिया लायर्स एसोसिएशन इत्यादि से जुड़े लोगों ने भागीदारी की; तदुपरान्त जिलाधिकारी के मार्फत एक ज्ञापन राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया।
मऊ में भारत बंद के समर्थन में इंकलाबी मजदूर केंद्र और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जबकि बलिया में विभिन्न संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन और सभा की; तदुपरान्त राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें इंकलाबी मजदूर केंद्र एवं क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की।
इसके अलावा बिहार के काराकाट में ग्रामीण मजदूर यूनियन ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया एवं पंजाब के लुधियाना में मोल्डर एंड स्टील वर्कर्स एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र (पंजाब) के नेतृत्व में रैली एवं सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जम्हूरी अधिकार सभा पंजाब के साथियों ने भी भागीदारी की। -विशेष संवाददाता