
भारत में चुनाव में मुफ्त में शराब बांटी जाती है यह आम बात है। खास बात यह है कि कोई बंदा चुनाव में जीत जाये और वह बकायदा आबकारी विभाग से अनुमति ले और पुलिस की उपस्थिति में मुफ्त में शराब बांटे। और अगर यह काम कोई ऐरा-गैरा करे तो उसे कुछ भी कहा जा सकता है। परन्तु यह भारत की महान सनातनी संस्कृति के सबसे बड़े पुरोधा करें तो आपको कहना होगा कि इसे कहते हैं असली संस्कार।
हुआ यूं कि कर्नाटक में चिक्कबल्लापुर से नव निर्वाचित सांसद के. सुधाकर के समर्थकों ने उनकी जीत के उपलक्ष्य में 8 जुलाई को मुफ्त में शराब बंटवायी और पियक्कड़ों को यह सुविधा दी गयी कि वह अपने मन के ब्राण्ड की शराब चुन सकते थे। पुलिस विभाग ने व्यवस्था संभाली और आबकारी विभाग ने इस कार्यक्रम के लिए लाइसेंस दिया ताकि असली संस्कारों का प्रचार-प्रसार किया जा सके।