नौजवानों के भारी विरोध के कारण लम्बे समय से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज शेख हसीना देश छोड़कर भागने को मजबूर हुई। इसके बाद यहां कुछ समूहों खासकर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है। मारपीट, आगजनी, लूटपाट की कई घटनाएं सामने आई हैं।
बांग्लादेश के उपद्रव के बहाने हिन्दू फ़ासीवादी अपने घृणित एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वे इस बहाने भारत में हिंदू-मुस्लिमों के बीच दरार डालने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वे हिंदू आबादी में मुस्लिमों के प्रति घृणा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके आई टी सेल के साथ मुख्य धारा का मीडिया भी इसमें पूरी भूमिका निभा रहा है।
बांग्लादेश के बहाने देश में मुसलमानों को निशाना बनाना हिंदू फासीवादियों के लिए कोई नई बात नहीं है। दशकों से वह यह नफरती बीज बो रहे हैं। और देश में मुसलमानों के प्रति हिंसा को जायज ठहराते हैं।
जो हाल देश में हिन्दू फासीवादियों का है वही हाल बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों का है। दोनों एक-दूसरे को खाद-पानी देने का काम करते हैं। इस नफरती राजनीति की कीमत आम हिन्दू और आम मुसलमान चुकाता है।
बांग्लादेश के अंदर मुस्लिम कटटरपंथियों की कार्यवाहियों को उचित नहीं ठहराया जा सकता। साथ ही बांग्लादेश के बहाने हिन्दू फ़ासीवादियों के इस घृणित अभियान के प्रति भी भारत की जनता को सचेत होने की जरूरत है।