बिहार के नवादा जिले के मुफस्सील थाना क्षेत्र के कृष्णानगर अनुसूचित टोले में 18 सितम्बर को दबंगों ने फायरिंग की और पूरे टोले के 80 घरों को आग लगा दी। यह टोला थाने से बस 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इस घटना से जहाँ दबंगों के होंसले कितने बड़े हुए हैं, यह पता चलता है वहीं दूसरी और दलितों की शोचनीय स्थिति का पता चलता है।
दरअसल दबंगों और दलितों के बीच जमीन को लेकर विवाद था। विवाद की जमीन पर दलितों का कब्ज़ा था। इसी विवाद की वजह से दबंगों ने 80 घरों को फूंक कर सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया। यह घटना शाम की है जब महिलाएं घरों में खाना बना रही थीं। इस घटना में किसी के मरने की खबर नहीं है।
बिहार में इस समय नितीश बाबू की सरकार है जिसमें भाजपा का इंजिन लगा हुआ है। नितीश बाबू महादलितों की बात तो करते हैं लेकिन इस घटना ने जहाँ उनकी पोल खोल दी है वहीं दलितों के मसीहा बनने वाले चिराग पासवान आदि भी पर सवाल उठने लगे हैं। ये लोग दलितों के वोट हासिल कर सत्ता की मलाई चाटने के लिए घोर दलित विरोधी संघ और भाजपा के पिछलग्गू बने हुए हैं।