सवाल तरह-तरह के होते हैं,
कुछ सवाल
ओस की बूदों की तरह होते हैं,
सुबह की धूप में
कुछ देर जगमगा कर
लुप्त हो जाते हैं।
कुछ सवाल
रिमझिम फुहारों जैसे होते हैं
जितने पूछे जाते हैं
उतने सुहाने लगते हैं।
कुछ सवाल
हिमपात के बाद
पड़े पाले की तरह होते हैं,
जब हवा चलती है
तो हाड को भी कंपा देते हैं।
कुछ सवाल
जिन्दगी भर नहीं पूछ जाते हैं,
इधर आप दुनिया से गुजरे
उधर वे उठ खड़े होते हैं।
कुछ सवाल
किसी जवाब के मोहताज नहीं होते हैं,
उनके जवाब में सवाल ही होते हैं
और
सवाल पर सवाल का सिलसिला
कभी
खामोशी का विस्फोटक रूप धारण कर लेता है
और सभी
विस्फोटक सवालों से संसार लहूलुहान हो जाता है।
कुछ सवाल
जिन्दगी भर पीछा नहीं छोड़ते हैं
आप कितने ही जवाब दें
पर वे कभी खत्म नहीं होते हैं
सवालों के संसार में
बाजदफा उत्तर कतई जरूरी नहीं हैं।
कोई सवाल
पूछने से पहले
कृपया एक सवाल का जवाब दीजिए
आपका सवाल
किस मिजाज का है?
(साभार : कविता संग्रह ‘ये वक्त नहीं है चुप
बैठने का’)