
पिछले दिनों यूरोप में बहुत ठण्ड पड़ रही थी। यूरोप के नेताओं के हाथ मारे ठण्ड के झड़ने को तैयार थे। इतने में खबर फैली कि ट्रम्प ने जेलेन्स्की की दाढ़ी में आग लगा दी है। पहले तो बेचारा कुछ देर बैठा रहा पर जली दाढ़ी लेकर कितनी देर बैठा रहता। ट्रम्प ने उसे दो रोटी भी नहीं खाने दीं। सीधे भगा दिया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर को जैसे ही खबर मिली तो उन्होंने तुरन्त जेलेन्स्की को लंदन बुला लिया। ठंडे हाथों को सेंकने का मजा भला वे क्यों न लेते। स्टार्मर ठहरे उदार आदमी तो उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां, इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी आदि सभी को बुला लिया। और सब जेलेन्स्की को घेर कर उसकी जली दाढ़ी से हाथ सेंकने लगे। पर किसी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी कि उसके बारे में कुछ कहते जिसने दाढ़ी में आग लगायी थी। सभी को यानी उनको भी जिनकी दाढ़ी नहीं है और उनको भी जिनके चेहरे में कभी दाढ़ी नहीं उग सकती, अपनी-अपनी दाढ़ी की फिक्र थी। क्या पता ट्रम्प किसकी दाढ़ी में आग लगा दे। कनाडा वाले को तो वह महामहिम प्रधानमंत्री के बजाय गवर्नर कहकर बुलाता है। बाकी ‘अपनी इज्जत अपने हाथ में’ के सिद्धान्त पर चलते हैं।
पहले सबने जली हुयी दाढ़ी से हाथ सेंके फिर लगी हुयी आग को बुझाने और जलन कम करने का वादा किया। जेलेन्स्की को जब समझ में आया यूरोप वाले कुछ नहीं करेंगे तो उसने दाढ़ी जलाने वाले से बार-बार माफी मांगी। अब पछताये क्या होता है। आजकल जेलेन्स्की अपनी जली दाढ़ी लेकर यहां-वहां घूम रहा है।