भीषण गर्मी से परेशान अमेजन मजदूरों ने उठायी आवाज

भयंकर गर्मी से परेशान गुड़गांव के अमेजन के मजदूरों ने आवाज उठायी है। अमेजन इण्डिया वर्कर्स एसोसिएशन ने भयंकर गर्मी में काम कर रहे अमेजन के मजदूरों को राहत देने की बात की ह
भयंकर गर्मी से परेशान गुड़गांव के अमेजन के मजदूरों ने आवाज उठायी है। अमेजन इण्डिया वर्कर्स एसोसिएशन ने भयंकर गर्मी में काम कर रहे अमेजन के मजदूरों को राहत देने की बात की ह
भारत के प्रमुख उद्योगों में एक ऑटो उद्योग है जो जीडीपी में 7 प्रतिशत योगदान करता है। ऑटो उद्योग अपने कम्पोनेन्ट के लिए मैन्युफैक्चरिंग से माल जुटाता है और जीडीपी के 7 प्र
जब से इजरायल द्वारा गाजा में भीषण नरसंहार शुरू हुआ है तब से भारतीय शासकों की इजरायल के प्रति पक्षधरता किसी से छिपी नहीं है। भारत के केन्द्र में काबिज संघ-भाजपा इजरायल के
दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र, नरेला औद्योगिक क्षेत्र व हरियाणा के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में मई महीने में लगातार आग लगने की घटनाएं होती रहीं और कथित लोकतंत्र का पर्व
केन्या के 7000 स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल 13 मार्च से जारी है। इन स्वास्थ्य कर्मचारियों में डाक्टर, इंटर्न, लेब टेक्नीशियन आदि शामिल हैं। यह हड़ताल केन्या मेडिकल प्रोफ
चीन से मजदूरों के आक्रोश के फूटने की खबरें जब तब सामने आती रही हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एकछत्र शासन, प्रेस पर उसके नियंत्रण व सरकारी ट्रेड यूनियन सेण्टर के वर्चस्व
भारत के अलग-अलग हिस्सों से आये दिन फैक्टरियों में दुर्घटनाओं की खबरें आ रही हैं। ताजा घटना में 3 अप्रैल को तेलंगाना राज्य के संगारेड्डी जिले के हथनूर मंडल में चंदपुरा गां
श्रीलंका में एक बार फिर स्वास्थ्य कर्मचारी अपने संयुक्त बैनर हेल्थ ट्रेड यूनियन एलायंस के बैनर तले 19 मार्च को हड़ताल करेंगे। यह हड़ताल वेतन-भत्तों को बढ़ाने के लिए होगी। इस
मैंने समाचार पत्र में पढ़ा था। मुझे मजदूरों व कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं मिला उत्तराखंड सरकार के बजट में।
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के नाम पर लाये गये इलेक्टोरल बांड खुद ही भ्रष्टाचार का माध्यम बन गये। ये भ्रष्टाचार इतना बढ़ता गया कि इस चंदे का 90 प्रतिशत तक सत्ताधारी पा
अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं।
पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।
उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता
इतिहास को तोड़-मरोड़ कर उसका इस्तेमाल अपनी साम्प्रदायिक राजनीति को हवा देने के लिए करना संघी संगठनों के लिए नया नहीं है। एक तरह से अपने जन्म के समय से ही संघ इस काम को करता रहा है। संघ की शाखाओं में अक्सर ही हिन्दू शासकों का गुणगान व मुसलमान शासकों को आततायी बता कर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला जाता रहा है। अपनी पैदाइश से आज तक इतिहास की साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से प्रस्तुति संघी संगठनों के लिए काफी कारगर रही है।
1980 के दशक से ही जो यह सिलसिला शुरू हुआ वह वैश्वीकरण-उदारीकरण का सीधा परिणाम था। स्वयं ये नीतियां वैश्विक पैमाने पर पूंजीवाद में ठहराव तथा गिरते मुनाफे के संकट का परिणाम थीं। इनके जरिये पूंजीपति वर्ग मजदूर-मेहनतकश जनता की आय को घटाकर तथा उनकी सम्पत्ति को छीनकर अपने गिरते मुनाफे की भरपाई कर रहा था। पूंजीपति वर्ग द्वारा अपने मुनाफे को बनाये रखने का यह ऐसा समाधान था जो वास्तव में कोई समाधान नहीं था। मुनाफे का गिरना शुरू हुआ था उत्पादन-वितरण के क्षेत्र में नये निवेश की संभावनाओं के क्रमशः कम होते जाने से।