विदेश
श्रीलंका : आतंकवाद विरोधी बिल के विरोध में हड़ताल
25 अप्रैल को श्रीलंका का उत्तरी व पूर्वी प्रांत पूरी तरह ठप रहा। दोनों प्रांतों के लोग राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के नये आतंकवाद विराधी कानून के विरोध में हड़ताल व चक्का जाम पर थे। इस नये कानून के त
पेंशन और छुट्टा पूंजीवाद
फ्रांस में पेंशन सुधारों के खिलाफ लगभग समूचा मजदूर वर्ग बीते कई महीनों से संघर्ष कर रहा है। फ्रांसीसी मजदूर वर्ग काम करने की उम्र 62 से 64 वर्ष किये जाने के सरकारी फरमान को स्वीकारने को तैयार न
मलयाना नरसंहार के दोषी रिहा
एक लम्बे इंतज़ार के बाद 1 अप्रैल को मेरठ के मलयाना नरसंहार का फैसला आ गया और इस फैसले में 39 दोषियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। इस नरसंहार में 93 लोगों को दोषी बनाया गया था। इसमें से
मई दिवस के शहीद और 8 घण्टे का कार्यदिवस
(मई 1886 में अमेरिका में काम के घण्टे 8 करने की हमारे पूर्वजों ने एक जंग छेड़ी थी। उनके संघर्ष के दम पर ही दुनिया भर के साथ भारत में भी 8 घण्टे के कार्यदिवस का अधिकार मजदूर वर्ग को मिला। पर बीते
फ्रांस के मजदूरों का बढ़ता संघर्ष
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मजदूरों की पेंशन में कटौती के अलावा सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 वर्ष कर दी है। यह उन्होंने संसद में पारित किये बगैर किया है। फ्रांसीसी सरकार के इस रवैये के विरुद्ध
इटली में फासीवादी हमले के खिलाफ प्रदर्शन
इटली के फ्लोरेंस में शनिवार 4 मार्च को एक जोरदार प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन उस फासीवादी हमले के खिलाफ था जो 18 फ़रवरी को फ्लोरेंस के एक हाईस्कूल में हुआ था। इस प्रदर्शन में युवा, अध्यापक और मज़दूर शाम
कम्यून की स्मृति में
.....न केवल फ्रांस में, बल्कि सारी दुनिया में सर्वहारा वर्ग पेरिस कम्यून के पुरुषों और कम्यून की विरासत क्या है?
कम्यून की उत्पत्ति
रूस-यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष : जगह-जगह युद्ध विरोधी प्रदर्शन
यूक्रेन पर हमले के 24 फरवरी 2023 को एक वर्ष पूरे हो गये हैं। एक वर्ष पूरे होने पर यूरोप के कई देशों में युद्ध के विरोध में प्रदर्शन हुए। एक वर्ष पूर्व 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था
राष्ट्रीय
आलेख
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था।
ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।
ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती।
7 नवम्बर : महान सोवियत समाजवादी क्रांति के अवसर पर
अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को