बेलसोनिका मजदूरों का समझौता संपन्न, पर छंटनी का खतरा बरकरार

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गुड़गांव/ दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को बेलसोनिका मजदूरों का सामूहिक मांग पत्र पर त्रिवार्षिक समझौता (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2025 तक) नई यूनियन बेलसोनिका वर्कर्स यूनियन 2112 के नेतृत्व में संपन्न हो गया है। दिनांक 24 अक्टूबर 2024 को बेलसोनिका वर्कर्स यूनियन (रजि. सं.-2112) के पदाधिकारियों ने गेट मीटिंग लेकर स्थाई श्रमिकों को समझौता सुनाया। यूनियन 2112 जब मजदूरों को समझौता सुना रही थी तो वह इसका पूरा श्रेय अपने आप को देकर श्रमिकों से तालियां बजवा रही थी तथा इसे अपनी जीत करार दे रही थी। लेकिन यह समझौता छंटनी के खिलाफ चल रहे निरंतर संघर्षों का परिणाम है। अब सवाल यह बनता है कि क्या इस समझौते को मजदूरों की जीत समझा जाये? 
    
थोड़ी नजर समझौते से पूर्व की स्थिति पर डाल लेते हैं। बेलसोनिका प्रबंधन ने वर्ष 2021 से फैक्टरी में कार्य करने वाले स्थाई व पुराने ठेका श्रमिकों की छंटनी करने के लिए ‘‘फर्जी दस्तावेजों’’ का हवाला देते हुए छंटनी का सिलसिला शुरू किया था। बेलसोनिका प्रबंधन की इस छंटनी के खिलाफ बेलसोनिका एम्प्लायज यूनियन 1983 ने वर्ष 2021 में अपनी पूरी एकता के साथ प्रबंधन की छंटनी का विरोध किया। यूनियन 1983 ने वर्ष 2022 से अपनी ठेका व स्थायी मजदूरों की एकता से अनेक सामूहिक कार्यवाहियां कीं जिससे कुछ समय के लिए प्रबंधन को छंटनी से अपने कदम पीछे खींचने पड़े। लेकिन प्रबंधन इस छंटनी को करने के लिए मजदूरों की वर्गीय एकता तोड़ने में कामयाब रहा और जब मजदूरों की वर्गीय एकता कमजोर हो गई तो प्रबंधन ने श्रम विभाग से गठजोड़ कायम कर यूनियन 1983 के पंजीकरण को रद्द करवा दिया तथा यूनियन 1983 के 6 पदाधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बता दें कि बेलसोनिका प्रबंधन ने समझौता करने से दो दिन पूर्व यानि 22 अक्टूबर 2024 को 9 और स्थाई श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया था। यानि प्रबंधन अभी तक 42 श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर चुका है और लगभग 65 मजदूरों को जबरदस्ती VRS दे चुका है। कुल मिलाकर बेलसोनिका प्रबंधन अभी तक 107 मजदूरों को नौकरी से बर्खास्त कर चुका है। इस समझौते से पूर्व में बेलसोनिका फैक्टरी में कार्य करने वाले स्थाई मजदूरों की संख्या 693 थी जो अब 586 के आसपास रह गई है। अब ऐसी स्थिति में क्या मजदूर इस समझौते को जीत मान लें? यह सवाल पैदा होना लाजिमी है। 
    
अब समझौते के दूसरे पहलू पर ध्यान दें जो मजदूरों की एकता से सीधा जुड़ा हुआ है। वह है ठेका मजदूर को समझौते में किनारे लगा दिया है। इससे पूर्व हुए सभी समझौतों में लम्बे समय से कार्य कर रहे ठेका मजदूरों की मांगें भी समझौतों में हासिल की जाती थी। पिछले समझौते दिनांक 24 नवम्बर 2020 में 10 ठेका श्रमिकों को स्थाई किया गया था। जहां पहले यूनियन ठेका मजदूरों को स्थाई करवाकर अपनी स्थाई मजदूरों की संख्या को बढ़ाकर ‘‘सामूहिक सौदेबाजी’’ की ताकत को बढ़ा रही थी वहीं अबकी बार ठेका मजदूरों को स्थायी करवाना तो दूर उनकी तनख्वाह बढ़ाने की बात तक समझौते में नहीं लिखी गई है। अतः यह समझौता मजदूरों की जीत नहीं बल्कि भविष्य के लिए चुनौती पेश कर रहा है। जहां यूनियन 1983 वर्ष 2021 से प्रबंधन की छंटनी के खिलाफ अपनी ठेका-स्थायी मजदूरों की एकता से लड़ रही थी तो इस समझौते में प्रबंधन ठेका-स्थायी मजदूरों की एकता तोड़ने में कामयाब रहा। 107 बर्खास्त मजदूर साथियों की नौकरी बहाली की मांग किए बिना समझौता करना प्रबंधन को छंटनी की खुली छूट देना है। वर्ष 2016 में यूनियन 1983 बनाने के संघर्ष में प्रबंधन द्वारा बर्खास्त किये 150 ठेका, स्थायी व ट्रेनी मजदूरों को अपनी एकता के दम पर नौकरी पर वापिस करवाया गया था और इस बार छंटनी की छूट देकर यूनियन 2112 द्वारा समझौता किया गया। साथ ही कार्यपरिस्थितियां इतनी खराब हो गई हैं कि कार्य के दौरान मजदूरों के हाथ-पैर कट रहे हैं।
    
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि बेलसोनिका प्रबंधन की छंटनी का हमला अभी किसी भी हाल में टला नहीं है। प्रबंधन 107 श्रमिकों की नौकरी बहाली के बिना समझौता कर रहा है तो वह आगे इसी रूप में समझौते की अपेक्षा करेगा कि समझौते के बदले स्थाई मजदूरों की छंटनी करने की यूनियन स्वीकृति दे। प्रबंधन अब उत्पादन बढ़ाने के नाम पर तथा अनुशासनहीनता के नाम पर अपनी छंटनी का हमला जारी रखेगा। प्रबंधन अब छंटनी का स्वरूप बदलेगा और अब टुकड़ों-टुकड़ों में छंटनी को अंजाम देगा। 
    
समझौते के सम्बन्ध में बेलसोनिका यूनियन 1983 का मत है कि समझौते में मजदूरों को जो हासिल हुआ है उसे बरकरार रखते हुए, मजदूरों के सामने जो नई चुनौती बर्खास्त मजदूरों की नौकरी बहाली, वर्गीय एकता टूटने व छंटनी का खतरे के खिलाफ एकजुट होकर ही लड़ा जा सकता है। 
    
बेलसोनिका यूनियन 1983 इस समझौते को फैक्टरी में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए चुनौती के तौर पर लेती है। बेलसोनिका यूनियन 1983 बर्खास्त किए गए सभी श्रमिकों की नौकरी बहाली की लड़ाई और यूनियन पंजीकरण की लड़ाई को जारी रखेगी। बेलसोनिका यूनियन 1983 का संघर्ष प्रबंधन की छंटनी के खिलाफ जारी रहेगा। यूनियन 1983 फैक्टरी में कार्य करने वाले सभी मजदूरों से आशा करती है कि मजदूर इस समझौते को चुनौती के तौर पर लेंगे और अपनी वर्गीय एकता को फिर से हासिल करने के अपने प्रयास को तेज करेंगे।       -गुड़गांव संवाददाता
 

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