
यह भारत में चल रहे आम चुनाव का सबसे ज्यादा मजेदार मौका था जब प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर अम्बानी-अडाणी से ‘‘टैम्पो भर’’ कर काला धन पाने का आरोप लगाया। सब कुछ सचमुच मजेदार है। कल तक राहुल गांधी (और आज तक भी) आरोप लगाते थे कि मोदी ने अम्बानी और खासकर अडाणी को देश के सारे संसाधन-सम्पत्ति औने-पौने दामों में बेच दी। और इसके बदले में मोदी एण्ड कम्पनी को करोडों़ रुपये चुनाव लड़ने को मिले। समय ने राहुल की बात को ठीक ही साबित किया। अब मोदी जो कह रहे हैं क्या वह सच हो सकता है, हो भी सकता है। परन्तु मोदी अपने प्यारे भाई व दोस्त अडाणी-अम्बानी की क्यों फजीहत करा रहे हैं। किसी ने कहा ‘‘दोस्त, दोस्त न रहा..’’ तो किसी ने इस पर कुछ और कहा।
कई बार यह देखने में आता है कि चोर अपनी चोरी को छुपाने के लिए शोर मचाने लगता है और यह तरकीब कई दफा काम कर जाती है। कई बार चोर इसलिए शोर मचाने लगता है कि बता सके कि वो ही अकेला चोर नहीं है।