मैं एक आम नागरिक हूं
मैं आजाद हूं?
वोट करने के लिए
टैक्स भरने के लिए
मगर मैं अपने नागरिक अधिकारों
की मांग नहीं कर सकता
वरना धर लिया जाऊंगा
साल दो साल के लिए अंदर कर दिया जाऊंगा।
मैं एक आम किसान हूं
मैं आजाद हूं?
धन्नासेठों के गोदाम भरने के लिए
दिन-रात खेतों में मरने के लिए
मगर मैं अपनी फसल का
उचित दाम नहीं मांग सकता
वरना लाठी डंडे और गोली खाऊंगा
आंदोलनजीवी आतंकवादी कहलाऊंगा।
मैं एक मजदूर हूं
मैं आजाद हूं?
कारखानों में दिन-रात खटने के लिए
मालिकों के गुंडों से पिटने के लिए
मगर मैं न्यूनतम मजदूरी नहीं मांग सकता
वरना गेट से बाहर कर दिया जाऊंगा
गुंडा एक्ट में धर लिया जाऊंगा।
मैं एक नौजवान छात्र हूं
मैं आजाद हूं?
कोचिंग संस्थानों में लुटने के लिए
पढ़ लिखकर पकौड़ा तलने के लिए
मगर मैं नौकरी नहीं मांग सकता
वरना देशद्रोह के जुर्म में अंदर जाऊंगा
वामपंथी नक्सली कहलाऊंगा।
मैं एक महिला हूं
मैं आजाद हूं?
मालों का प्रचार करने के लिए
महफिलों में सजने के लिए
बाजार में बिकने के लिए
मगर मैं आजादी की मांग नहीं कर सकती
वरना बदचलन चरित्रहीन हो जाऊंगी
समाज में कुल्टा कहलाऊंगी।।
-भारत सिंह, आंवला