फासीवाद / साम्प्रदायिकता,

इतिहास का एक रोचक तथ्य

भारतीय इतिहास का एक बहुत रोचक तथ्य है। 1857 में जब मेरठ में अंग्रेजी सेना के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह किया तो अंग्रेज अफसरों को मारने के बाद वे सीधे दिल्ली कूच कर गये।

अनुच्छेद-370 और शीर्ष अदालत

4 वर्ष पूर्व भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35 ए की समाप्ति की घोषणा आनन-फानन में संसद से पारित करा कर दी थी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य को विभाजित कर केन्द्र शासित प्

भारत में निगरानी कानून

सत्ताधारी द्वारा पेगासस मेलवेयर के भूत को वापस लाते हुए एप्पल के हाल के एलर्ट से विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों पर राज्य प्रायोजित निगरानी हमले के उदाहरण सामने आये हैं। 31

हलाल प्रमाणीकरण पर प्रतिबंध के पीछे की राजनीतिक मंशा क्या है?

बहुसंख्यक हिंदू समाज ने भी ‘नमक हलाल’ फिल्म के नाम को सहज ही स्वीकार लिया था। बढ़ती महंगाई सभी गरीबों और निम्न मध्य वर्ग की नींद हराम करती रही है।
    

दारा शिकोह और औरंगजेब

भारत के हिन्दू फासीवादियों को दारा शिकोह से बहुत प्रेम है। वे उसे एक ऐसे मुसलमान के तौर पर पेश करते हैं जैसा इस देश के सारे मुसलमानों को होना चाहिए। दारा शिकोह सूफियाना म

अतीत में धर्म और राजनीति

हिन्दू फासीवादी मध्यकाल के मुसलमान बादशाहों के शासन को भारत की गुलामी के रूप में पेश करते हैं। असल में उनका मतलब होता है कि मुसलमानों ने, कम से कम, मुसलमान शासकों ने हिन्

इजरायल-हमास के जरिये इस्लामोफोबिया फैलाता संघ परिवार

संघ परिवार मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने के किसी भी मौके को नहीं चूकता। यह नफरत इसकी पैदाइश से ही रही है। यह इसकी राजनीति का कोर है। वर्तमान इजरायल-हमास मामले पर भी संघी

फकीर और रथ प्रभारी

भाजपा को रथ से बहुत ‘मोहब्बत’ है। 90 के दशक में इसने रथ यात्रा निकाली थी। तब मुरली, आडवाणी और वाजपेयी की तिकड़ी इसकी नेता थी। इस रथ यात्रा का ‘पोस्टर ब्वाय’ थे : आडवाणी।
    

खून के प्यासे तमाशबाज और तमाशबीन

पिछले डेढ़ साल से हमारे देश के टीवी चैनलों पर, खासकर हिन्दी समाचार चैनलों पर युद्ध की खबरें छाई हुई हैं। यूक्रेन पर रूसी हमले से लेकर अब फिलीस्तीन पर इजरायली हमले तक टीवी के परदे पर युद्ध ही युद्ध ह

भारतीय सेना अब मोदी के प्रचार में

प्रचार को हमेशा उत्सुक रहने वाले प्रधानमंत्री मोदी की ख्वाहिश को रक्षा मंत्रालय ने पूरा कर दिया है। रक्षा मंत्रालय ने सैकड़ों ऐसे सेल्फी प्वाइंट बनाने का निर्णय लिया है जो

आलेख

/idea-ov-india-congressi-soch-aur-vyavahaar

    
आजादी के आस-पास कांग्रेस पार्टी से वामपंथियों की विदाई और हिन्दूवादी दक्षिणपंथियों के उसमें बने रहने के निश्चित निहितार्थ थे। ‘आइडिया आव इंडिया’ के लिए भी इसका निश्चित मतलब था। समाजवादी भारत और हिन्दू राष्ट्र के बीच के जिस पूंजीवादी जनतंत्र की चाहना कांग्रेसी नेताओं ने की और जिसे भारत के संविधान में सूत्रबद्ध किया गया उसे हिन्दू राष्ट्र की ओर झुक जाना था। यही नहीं ‘राष्ट्र निर्माण’ के कार्यों का भी इसी के हिसाब से अंजाम होना था। 

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ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

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ब्रिक्स+ के इस शिखर सम्मेलन से अधिक से अधिक यह उम्मीद की जा सकती है कि इसके प्रयासों की सफलता से अमरीकी साम्राज्यवादी कमजोर हो सकते हैं और दुनिया का शक्ति संतुलन बदलकर अन्य साम्राज्यवादी ताकतों- विशेष तौर पर चीन और रूस- के पक्ष में जा सकता है। लेकिन इसका भी रास्ता बड़ी टकराहटों और लड़ाईयों से होकर गुजरता है। अमरीकी साम्राज्यवादी अपने वर्चस्व को कायम रखने की पूरी कोशिश करेंगे। कोई भी शोषक वर्ग या आधिपत्यकारी ताकत इतिहास के मंच से अपने आप और चुपचाप नहीं हटती। 

/amariki-ijaraayali-narsanhar-ke-ek-saal

अमरीकी साम्राज्यवादियों के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में नरसंहार के एक साल पूरे हो गये हैं। इस दौरान गाजा पट्टी के हर पचासवें व्यक्ति को