चुनाव

जर्मनी में ए एफ डी का उभार

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जर्मनी में हुए चुनाव में सभी पूंजीवादी पार्टियों ने अप्रवासियों के मुद्दे पर एक-दूसरे से प्रतियोगिता की। घोर दक्षिणपंथी पार्टी ए एफ डी (जर्मनी के लिए विकल्प) ने तो 2015 स

दिल्ली में आप की हार

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे एक्जिट पोल को सही साबित करने वाले रहे। दिल्ली की जनता ने इस चुनाव के जरिये बता दिया कि हिंदुत्व की राजनीति करने में बड़े मियां के आगे छोटे म

उत्तराखण्ड निकाय चुनाव और मजदूर वर्ग

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रुद्रपुर/ नगर निकाय चुनाव उत्तराखण्ड में घोषित हो चुके हैं। 23 जनवरी को होने वाले इन चुनावों के लिए सभी प्रमुख राजनैतिक दल ताल ठोंक चुके हैं। उत्तराखण्ड

फ्रांस : प्रधानमंत्री की रुखसती

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फ्रांस के प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर को अपने खिलाफ संसद में लाये अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने पर इस्तीफा देना पड़ा है। वे महज तीन महीने पहले ही प्रधानमंत्री बनाये गये

रहस्य के अंदर पहेली

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पिछले कुछ सालों से भारत में चुनाव के परिणाम अबूझ पहेली बनते गये हैं। इनकी रहस्यमयता बढ़ती गयी है। सारे चुनावी पंडित अपना माथा खुजलाकर ही नहीं बल्कि सिर के बाल नोंचकर भी चु

महाराष्ट्र जीत ने भाजपा को वाचाल तो झारखण्ड हार ने गूंगा बनाया

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महाराष्ट्र व झारखण्ड विधान सभा के चुनाव व विभिन्न राज्यों में उपचुनाव तथा लोकसभा उपचुनाव में संघ-भाजपा व उसके नेताओं ने घोर साम्प्रदायिक-धार्मिक ध्रुवीकरण, राज्य मशीनरी औ

अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत : युद्धों और वैश्विक राजनीति पर प्रभाव

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ट्रंप ने ‘अमेरिका प्रथम’ की अपनी नीति के तहत यह घोषणा की है कि वह अमेरिका में आयातित माल में 10 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक तटकर लगाएगा। इससे यूरोपीय साम्राज्यवादियों में खलबली मची हुई है। चीन के साथ व्यापार में वह पहले ही तटकर 60 प्रतिशत से ज्यादा लगा चुका था। बदले में चीन ने भी तटकर बढ़ा दिया था। इससे भी पश्चिमी यूरोप के देश और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच एकता कमजोर हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अपने पिछले राष्ट्रपतित्व काल में ट्रंप ने नाटो देशों को धमकी दी थी कि यूरोप की सुरक्षा में अमेरिका ज्यादा खर्च क्यों कर रहा है। उन्होंने धमकी भरे स्वर में मांग की थी कि हर नाटो देश अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत नाटो पर खर्च करे।

आलेख

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

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पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

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उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता

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इतिहास को तोड़-मरोड़ कर उसका इस्तेमाल अपनी साम्प्रदायिक राजनीति को हवा देने के लिए करना संघी संगठनों के लिए नया नहीं है। एक तरह से अपने जन्म के समय से ही संघ इस काम को करता रहा है। संघ की शाखाओं में अक्सर ही हिन्दू शासकों का गुणगान व मुसलमान शासकों को आततायी बता कर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला जाता रहा है। अपनी पैदाइश से आज तक इतिहास की साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से प्रस्तुति संघी संगठनों के लिए काफी कारगर रही है। 

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1980 के दशक से ही जो यह सिलसिला शुरू हुआ वह वैश्वीकरण-उदारीकरण का सीधा परिणाम था। स्वयं ये नीतियां वैश्विक पैमाने पर पूंजीवाद में ठहराव तथा गिरते मुनाफे के संकट का परिणाम थीं। इनके जरिये पूंजीपति वर्ग मजदूर-मेहनतकश जनता की आय को घटाकर तथा उनकी सम्पत्ति को छीनकर अपने गिरते मुनाफे की भरपाई कर रहा था। पूंजीपति वर्ग द्वारा अपने मुनाफे को बनाये रखने का यह ऐसा समाधान था जो वास्तव में कोई समाधान नहीं था। मुनाफे का गिरना शुरू हुआ था उत्पादन-वितरण के क्षेत्र में नये निवेश की संभावनाओं के क्रमशः कम होते जाने से।