फासीवाद

उच्च शिक्षा पर बढ़ता फासीवादी शिकंजा

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मोदी सरकार का देश की शिक्षा व्यवस्था पर हमला बोलना बदस्तूर जारी है। अभी हाल में ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपने कुछ नये नियम जारी किये। इन नियमों से विश्वविद्यालयों

इच्छाधारी प्रधानमंत्री

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अभी कुछ माह पहले ही हमारे प्रधानमंत्री को भान हुआ था कि वे कोई साधारण इंसान नहीं बल्कि भगवान द्वारा दी गयी शक्तियों से लैस अजैविक अर्थात देवता हैं। तब उनके इस बयान पर काफ

पूंजीपतियों की डींगे

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नरेन्द्र मोदी बहुत कम इंटरव्यू देने के लिए जाने जाते हैं। जो गिने-चुने इंटरव्यू वह देते भी हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवालों की सूची उन

बोया पेड़ बबूल का....

आजकल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि संघ तरक्की नहीं कर रहा है वह तो मोदी काल में पूंजीपतियों की दौलत की तरह दिन-दूनी र

मनुस्मृति के विरोध पर गिरफ्तारी

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देश की संसद में गृहमंत्री द्वारा अम्बेडकर के अपमान का मुद्दा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि वाराणसी में घटे एक घटनाक्रम ने दिखला दिया कि दरअसल संघ-भाजपा को अम्बेडकर से न केवल

हिंदूवादी संगठनों की शिकायत पर प्रभारी प्रधानाचार्य का निलंबन

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हिंदू फासीवादियों द्वारा उत्तराखंड को हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला बनाने के कुत्सित प्रयास लगातार जारी हैं। ताजा घटना नैनीताल जिले के रामनगर की है जहां एक राजकीय इंटर कालेज

कौन कौवा, कौन गरुड़

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‘कोई कौवा अगर मंदिर के शिखर पर बैठ जाए तो क्या वह गरुड बन जायेगा’ का जवाब कोई भी देगा। नहीं!

सड़क से संसद तक

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पिछले सालों में हिन्दू फासीवादियों ने अपनी सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए एक माडल विकसित किया है। इसमें वे किसी भी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ अपन

मोदी-शाह, विपक्ष और अम्बेडकर

/modi-saah-vipaksh-or-ambedkar

भाजपा खासकर मोदी एवम् शाह ने यह उम्मीद नहीं की होगी कि ऐसा उनके साथ हो जायेगा। इक्कीसवीं सदी के ‘लौह पुरुष’ शाह के पुतले फूंके जायेंगे और उनकी तस्वीर को पांव से कुचला जाय

आलेख

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अमरीकी साम्राज्यवादियों के लिए यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखण्डता कभी भी चिंता का विषय नहीं रही है। वे यूक्रेन का इस्तेमाल रूसी साम्राज्यवादियों को कमजोर करने और उसके टुकड़े करने के लिए कर रहे थे। ट्रम्प अपने पहले राष्ट्रपतित्व काल में इसी में लगे थे। लेकिन अपने दूसरे राष्ट्रपतित्व काल में उसे यह समझ में आ गया कि जमीनी स्तर पर रूस को पराजित नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने रूसी साम्राज्यवादियों के साथ सांठगांठ करने की अपनी वैश्विक योजना के हिस्से के रूप में यूक्रेन से अपने कदम पीछे करने शुरू कर दिये हैं। 
    

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पिछले सालों में अमेरिकी साम्राज्यवादियों में यह अहसास गहराता गया है कि उनका पराभव हो रहा है। बीसवीं सदी के अंतिम दशक में सोवियत खेमे और स्वयं सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जो तात्कालिक प्रभुत्व हासिल किया था वह एक-डेढ़ दशक भी कायम नहीं रह सका। इस प्रभुत्व के नशे में ही उन्होंने इक्कीसवीं सदी को अमेरिकी सदी बनाने की परियोजना हाथ में ली पर अफगानिस्तान और इराक पर उनके कब्जे के प्रयास की असफलता ने उनकी सीमा सारी दुनिया के सामने उजागर कर दी। एक बार फिर पराभव का अहसास उन पर हावी होने लगा।

/hindu-fascist-ki-saman-nagarik-sanhitaa-aur-isaka-virodh

उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इस संहिता को हिंदू फासीवादी सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। संहिता

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इतिहास को तोड़-मरोड़ कर उसका इस्तेमाल अपनी साम्प्रदायिक राजनीति को हवा देने के लिए करना संघी संगठनों के लिए नया नहीं है। एक तरह से अपने जन्म के समय से ही संघ इस काम को करता रहा है। संघ की शाखाओं में अक्सर ही हिन्दू शासकों का गुणगान व मुसलमान शासकों को आततायी बता कर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला जाता रहा है। अपनी पैदाइश से आज तक इतिहास की साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से प्रस्तुति संघी संगठनों के लिए काफी कारगर रही है। 

/bhartiy-share-baajaar-aur-arthvyavastha

1980 के दशक से ही जो यह सिलसिला शुरू हुआ वह वैश्वीकरण-उदारीकरण का सीधा परिणाम था। स्वयं ये नीतियां वैश्विक पैमाने पर पूंजीवाद में ठहराव तथा गिरते मुनाफे के संकट का परिणाम थीं। इनके जरिये पूंजीपति वर्ग मजदूर-मेहनतकश जनता की आय को घटाकर तथा उनकी सम्पत्ति को छीनकर अपने गिरते मुनाफे की भरपाई कर रहा था। पूंजीपति वर्ग द्वारा अपने मुनाफे को बनाये रखने का यह ऐसा समाधान था जो वास्तव में कोई समाधान नहीं था। मुनाफे का गिरना शुरू हुआ था उत्पादन-वितरण के क्षेत्र में नये निवेश की संभावनाओं के क्रमशः कम होते जाने से।